रणजी ट्रॉफी 2016-17 के नॉकआउट मुकाबलों में एक बड़ी गलती सामने आई, जब जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में गुजरात-ओडिशा क्वार्टर फाइनल मुक़ाबले को खराब पिच के चलते रोक दिया गया। ओडिशा द्वारा टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला करने के बाद उनके गेंदबाजों ने अच्छी शुरुआत की और दो टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों के विकेट चटकाए। पिच की स्थिति के बारे में चिंताएं तब उभरकर सामने आई जब पार्थिव पटेल को गेंद लगी और खिलाड़ी मैदान छोड़कर पवेलियन चले गए। इसके बाद अम्पायरों ने काफी देर तक चर्चा की, ग्राउंड्स मैन ने पिच के एक तरफ रोलर चलाया और उस क्षेत्र को ठीक करने का प्रयास किया, जहां से उछलकर गेंद गुजरात के विकेट-कीपर बल्लेबाज को लगी। स्टेडियम में मौजूद एक प्रबन्धक ने बताया कि गेंद लगने के बाद पार्थिव पटेल ने अंपायरों से शिकायत की तथा दोनों कप्तान बातचीत के लिए मैदान से बाहर चले गए। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी भारतीय मैदान पर इस प्रकार का मामला सामने आया हो। 2009 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारत और श्रीलंका के बीच हुए मुक़ाबले में भी कुछ इसी प्रकार की गलती सामने आई, इस दौरान श्रीलंका के कुछ खिलाड़ियों के शरीर पर गेंदें लगी और खिलाड़ी मैदान छोड़कर चले गए, कुछ देर बाद उस मैच को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया। रणजी ट्रॉफी 2016-17 के क्वार्टर फाइनल मुक़ाबले दोनों ही टीमों के घरेलू मैदानों में न खेले जाकर किसी तीसरे यानि तटस्थ स्थान पर खेले जा रहे हैं, तथा गुजरात व ओडिशा को राजस्थान के जयपुर में स्थित सवाई मान सिंह स्टेडियम मिला। बता दें कि पार्थिव पटेल दो दिन पहले ही गुजरात की टीम से यह मुक़ाबला खेलने के लिए जुड़े हैं। इससे पहले यह विकेट कीपर बल्लेबाज इंग्लैंड और भारत के हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में खेल रहे थे, जहां उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम की सफलता में अपना योगदान दिया।