ज्यादा टी-20 मैचों के कारण वनडे मैच 2016 में कम ही हुए। टेस्ट मैचों की फिर से बढ़ती लोकप्रियता और ज्यादा टी-20 मैच होने के कारण वनडे मैच अपनी महत्ता खोता जा रहा है। आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं, भारत ने इस साल 20 टी-20 मैच खेले हैं, लेकिन वनडे मैच सिर्फ 13, जिसमें से 7 जीते हैं और 6 मैचों में हार मिली है। साल की शुरुआत में ही भारत को ऑस्ट्रेलिया से वनडे मैचों में हार मिली, लेकिन टी-20 सीरीज में जीत के कारण उस हार को भुला दिया गया। ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 3 मैचों की सीरीज जीत भारत ने वापसी की और आखिर में न्यूजीलैंड को घरेलू सीरीज में कांटे की टक्कर में मात दी। टेस्ट मैचों से संन्यास ले चुके धोनी वनडे और टी-20 मैचों में कप्तानी अच्छी कर रहे हैं। लेकिन उनका खुद का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। आइए आपको बताते हैं भारतीय बल्लेबाजों का इस साल वनडे मैचों में कैसा प्रदर्शन रहा। विराट कोहली 9/10 बिना किसी शक के साल 2016 विराट कोहली का साल रहा है। कोहली एकदम अलग तरह की बल्लेबाजी करते हैं। गेंदबाज कोई भी हो कोहली को कोई फर्क नहीं पड़ता, वो मैदान के हर कोने में शॉट लगाते हैं। इस साल कोहली ने ना केवल वनडे बल्कि टी-20 और टेस्ट मैचों में भी शानदार प्रदर्शन किया। इस साल 10 वनडे मैचों में कोहली ने 92.37 की औसत से 739 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 3 शतक और 4 अर्धशतक जड़ा। जिम्बॉब्वे के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज में कोहली को आराम दिया गया नहीं तो उनका इस साल का रिकॉर्ड और बेहतर होता। रोहित शर्मा 8.5/10 न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरीज के बाद रोहित शर्मा चोट के कारण नहीं खेल पाए , लेकिन बाकी के साल उनके बल्ले ने खूब रन उगले हैं। इस साल 10 वनडे मैचों में उनका बैटिंग औसत 63 रहा है। ज़िम्बाब्वे के दौरे पर उन्हें आराम दिया गया था। शिखर धवन 8/10 सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के लिए भी ये साल ठीक-ठाक रहा है। रोहित शर्मा के साथ मिलकर धवन ने कई मैचों में भारतीय टीम को ठोस शुरुआत दिलाई। बिना किसी हो-हल्ले के धवन दूसरे छोर से टीम के लिए उपयोगी पारियां खेलते रहे। इसी तरह आईपीएल में भी डेविड वॉर्नर का उन्होंने बखूबी साथ दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की सीरीज में धवन ने 2 अर्धशतक और कैनबरा वनडे में एक शतकीय पारी खेली। चोट के कारण धवन जिम्बॉब्वे और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज नहीं खेल सके। अंजिक्य रहाणे 6.5/10 वनडे मैचों में अंजिक्य रहाणे का प्रदर्शन इस साल निराशाजनक रहा है। खासकर न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में उनके बल्ले से बिल्कुल भी रन नहीं निकले। रहाणे 5 मैचों में केवल एक बार 50 से ज्यादा रन बना सके। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना था कि रहाणे के बैटिंग ऑर्डर में बहुत ज्यादा बदलाव किए गए, जिसकी वजह से उनकी बल्लेबाजी प्रभावित हुई। इस साल 9 वनडे मैचों में रहाणे 35.50 की औसत से महज 284 रन ही बना सके। इस साल उनके नाम 3 अर्धशतक हैं। महेंद्र सिंह धोनी 7/10 टेस्ट मैचों से संन्यास लेने के बावजूद इस साल वनडे मैचों में धोनी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। धोनी ने इस साल 13 वनडे और 21 टी-20 मैच खेले, लेकिन उनके बल्ले से ज्यादा रन नहीं निकले। इस साल भारत के सबसे सफल कप्तान का वनडे औसत महज 27.80 रहा, जो कि उनके ओवरऑल करियर औसत से भी कम है। किसी-किसी मैच में धोनी की विकेटकीपिंग भी उतनी अच्छी नहीं रही। हालांकि धोनी ने कई मैचों में इस साल बेहतरीन विकेटकीपिंग की। धोनी ने विकेट के पीछे बेहतरीन स्टंपिंग, बेहतरीन कैच और अपने प्रजेंस ऑफ माइंड की से बेहतरीन रन आउट किए। मनीष पांडेय 6.5/10 मनीष पांडेय आईपीएल में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज हैं। लेकिन साल 2009 के बाद आईपीएल में उनका प्रदर्शन गिरता गया। हालांकि इसका उनके क्रिकेट करियर पर कोई असर नहीं पड़ा और उन्हें भारतीय वनडे और टी-20 टीम में जगह मिल गई। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विपरीत परिस्थियों में मैच जिताऊ शतक लगाकर पांडेय ने दिखा दिया कि उनके अंदर प्रतिभा की कमी नहीं है। लेकिन इसके बाद उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगर 104 रन को छोड़ दें तो मनीष पांडेय अगली 7 पारियों में केवल 86 रन ही बना सके। भारतीय टीम को जब उनकी बल्लेबाजी की सबसे ज्यादा जरुरत थी, तब-तब वो गलत शॉट खेलकर आउट हो गए। इसकी वजह से उनका औसत इस साल बढ़िया नहीं रहा। अब देखना ये है कि अगले सीजन के लिए उनको टीम में चुना जाता है कि नहीं। ऑलराउंडर्स केदार जाधव 7.5/10 केदार जाधव भारत के लिए बेहतरीन ऑलराउंडर साबित हो रहे हैं। अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी से वो अहम मौकों पर टीम के लिए विकेट निकाल रहे हैं। इसके अलावा निचले क्रम में जाधव अच्छी बल्लेबाजी भी करते हैं। खासकर कप्तान धोनी के बाद भारतीय टीम को जाधव जैसे खिलाड़ी की ही जरुरत है। हालांकि जाधव बल्लेबाजी में इस साल कुछ खास नहीं कर पाए और 4 पारियों में महज 90 रन ही बना सके। इस दौरान उनका उच्चतम स्कोर 41 रन रहा। निचले क्रम में जाधव और पांडेय के खराब फॉर्म की वजह से कप्तान धोनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ा। हार्दिक पांड्या 7/10 हार्दिक पांड्या ने इसी साल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पर्दापण किया है। उन्हें भारतीय टीम का ऐसा उभरता हुआ ऑलराउंडर माना जा रहा है जो आगे चलकर काफी नाम कमाएगा। ये साल हार्दिक पांड्या के लिए मिला-जुला रहा। उन्होंने कुछ मौैकों पर बेहतरीन गेंदबाजी की। वहीं उन्हें केवल 2 बार बल्लेबाजी का मौका मिला। कंधे में चोट की वजह से पांड्या इस साल केवल 4 मैच ही खेल पाए। अक्षर पटेल 7/10 अक्षर पटेल लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार कर रहे हैं। रवींद्र जाडेजा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए उन्हें अपनी बल्लेबाजी में और सुधार करने की जरुरत है। हालांकि उनकी गेंदबाजी में काफी सुधार हुआ है। इसकी झलक 2016 के आईपीएल सीजन में देखने को मिली, जहां अक्षर ने हैट्रिक विकेट भी लिया। रवींद्र जाडेजा 6/10 सौराष्ट्र के इस खिलाड़ी के लिए ये साल कुछ खास नहीं रहा। जाडेजा ने साल 2016 में 5 वनडे मैचों में 3 विकेट चटकाए और महज 45 रन ही बना सके। न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में जाडेजा और अश्विन को आराम दिया गया। उनकी जगह अक्षर पटेल को मौका दिया गया। गेंदबाजी जसप्रीत बुमराह 9/10 जसप्रीत बुमराह के रुप में भारत को इस साल बेहतरीन तेज गेंदबाज मिला। उनके अजीबोगरीब गेंदबाजी एक्शन को बल्लेबाज समझ नहीं पाते हैं और अपना विकेट गंवा बैठते हैं। इसके अलावा डेथ ओवरों में उनका सटीक यॉर्कर भारतीय टीम के ब्रह्मास्त्र है। इसी वजह से कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आखिर के ओवरों में उनका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। उनकी स्लोअर और फुल लेंथ की गेंदें बल्लेबाजों की समझ से बाहर होती हैं। इस साल बुमराह वनडे मैचों में भारतीय टीम की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने 8 मैचों में 17 विकेट चटकाए हैं। अमित मिश्रा 8.5/10 ज़िम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज में युजवेंद्र चहल का भारतीय टीम में चयन होने से अमित मिश्रा को तगड़ा झटका लगा। मिश्रा 2002 से भारतीय टीम में नियमित जगह बनाने की कोशिश कर रहे थे। वनडे मैचों में 50 विकेट लेने में के मामले में वो सबसे ज्यादा धीमे रहे, लेकिन वो गेंदबाज काफी अच्छे हैं। इसकी झलक न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में देखने को मिली। न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी मैच में मिश्रा ने 5 विकेट चटकाए। जिसकी वजह से भारतीय टीम मैच जीतकर सीरीज 3-2 से अपने नाम करने में कामयाब रही। मिश्रा ने इस साल 5 मैचों में 15 विकेट चटकाए हैं, जिसकी वजह से उन्हें इस लिस्ट में दूसरी जगह मिली है। उमेश यादव 7.5/10 न्यूजीलैंड के विस्फोटक बल्लेबाज मार्टिन गप्टिल अगर भारत में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो इसका एकमात्र कारण उमेश यादव थे। यादव लगातार अच्छी गेंदबाजी तो नहीं कर पाए, लेकिन कई मौकों पर अपनी पेस और गति से उन्होंने भारत को अहम विकेट निकालकर दिया। ये जानकर आपको हैरानी होगी कि 2015 वर्ल्ड कप के बाद से वो वनडे मैचों में भारत के सबसे सफल तेज गेंदबाज रहे हैं। उमेश यादव ने इस साल 10 मैचों में 15 विकेट चटकाए हैं। लेकिन इशांत शर्मा की अनुपस्थिति में उमेश इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। इशांत शर्मा 7.5/10 महज 4 वनडे मैच खेलने के बावजूद इशांत 2016 में भारत के चौथे सबसे सफल गेंदबाज हैं। इस साल इशांत ने 27.77 की औसत से 9 विकेट चटकाए हैं। 77 रन देकर 4 विकेट उनका बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन रहा। चिकुनगुनिया होने के कारण इशांत इस साल ज्यादा मैच नहीं खेल पाए, जिससे उनका बेहतरीन शुरुआत अंजाम तक नहीं पहुंच सका। बरिंदर सरन 7.5/10 लेफ्ट ऑर्म तेज गेंदबाज बरिंदर सरन अपनी स्विंग के कारण बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द साबित हुए हैं। इसके साथ ही सरन बेहतरीन यॉर्कर और स्लोअर गेंद भी कर लेते हैं। सरन के लिए चिंता की बात ये है कि वो अक्सर अपने लाइन लेंथ से भटक जाते हैं। उन्हें इस साल ज़िम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज में शामिल किया गया था। सरन ने इस साल 6 वनडे मैच खेलें, जिसमें उन्होंने 7 विकेट चटकाए। 56 रन देकर 3 विकेट उनका बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन रहा। धवल कुलकर्णी 7/10 ज़िम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज में जिन युवा तेज गेंदबाजों को जगह दी गई, उनमें धवल कुलकर्णी भी थे। 2016 के आईपीएल सीजन में कुलकर्णी ने गुजरात लायंस की तरफ से खेलते हुए शानदार गेंदबाजी की। जिसकी वजह से उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया। धवल के पास ज्यादा पेस तो नहीं है, लेकिन वो गेंद को स्विंग अच्छा कराते हैं और लगातार उसी लेंथ से गेंदबाजी कर सकते हैं। इस साल धवल ने 4 मैचों में 6 विकेट चटकाए। लेकिन फिर भी उन्हें ज्यादा मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला।