भारतीय टीम का बेहतरीन घरेलू सीजन अब सबसे महत्तवपूर्ण टेस्ट सीरीज के साथ खत्म होने जा रहा है। सबसे जरूरी इसलिए क्योंकि इस बार मुकाबला है टेस्ट क्रिकेट की दिग्गज ऑस्ट्रेलिया से। कप्तान कोहली से लेकर कोच जम्बो तक, सभी का लक्ष्य है चार मैचों की सीरीज में कंगारुओं को पटखनी देना। पहले न्यूजीलैंड, फिर इंग्लैंड और अभी बांग्लादेश, तीनों टीमों को धोने के बाद भारतीय टीम के धुरंधर ऑस्ट्रेलिया पर अपनी धाक जमाने के लिए बिलकुल तैयार हैं। 23 फरवरी से शुरू होने वाली इस सीरीज के चार में से तीन मैच पुणे, रांची और धर्मशाला जैसे मैदानों पर खेले जाएंगे, जो टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से बिलकुल नए हैं। हालांकि, ग्राउंड पुराने हों या नए, कंगारुओं के लिए कमाल के फॉर्म में चल रही इंडियन टीम को मात देना बेहद मुश्किल होगा। तो आइए जानते हैं भारतीय टीम के वो कौनसे खास पहलु हैं जिनको लेकर मेहमान टीम को इस 'बॉर्डर-गावस्कर' ट्रॉफी में होशियार रहना होगा:
#5 भारतीय टीम का उभरता हुए पेस अटैक ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत की जिन बातों से सबसे ज्यादा होशियार रहना है उनमें एक है तेज गेंदबादी आक्रमण। एक 2000 का दशक था जब भारत के पास, पेस गेंदबाजी के रूप में जहीर खान को छोड़कर कोई दूसरा बेहतर विकल्प नहीं था। जहीर के जाने के बाद भारतीय टीम में कुछ समय के लिए तेज गेंदबाजों का जैसे अकाल पड़ गया था। लेकिन पिछले एक साल से, खासकर कोहली के टेस्ट कमान संभालने के बाद, भारतीय तेज गेंदबाजी का समय बदला है। मोहम्मद शमी, उमेश यादव, ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार, सभी ने पिछली टेस्ट सीरीज में गेंदबाजी में लगातार सुधार किया है। अब ये गेंदबाज सिर्फ बेहतर लय में ही नजर नहीं आ रहे, बल्कि अच्छा प्रदर्शन करके कप्तान के सामने बाराबर का विकल्प पेश कर रहे हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज तेज गेंदबाजों के खिलाफ काफी आक्रामक माने जाते हैं। लेकिन, भारतीय मैदानों पर मौजूदा गेंदबाजों की फॉर्म को देखते हुए उन्हें अपने खेल पर नियंत्रण रखना पड़ेगा।