न्यूज़ीलैंड और बांग्लादेश को वार्म-अप मुकाबले में बुरी तरह हराने के बाद भारतीय टीम चैंपियंस ट्राफी में पाकिस्तान से होने वाले बहुप्रतीक्षित मैच के लिए तैयार है। न्यूज़ीलैंड की टीम को भारतीय गेंदबाजों ने सस्ते में समेटते दिया था। जबकि बांग्लादेश के खिलाफ पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज़ रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे जल्दी आउट हो गये थे। जिसके बाद शिखर धवन और दिनेश कार्तिक ने टीम को सम्भाला था। दोनों ने मिलकर 100 रन की साझेदारी की थी। दिनेश कार्तिक ने इस मैच में 94 रन बनाये थे। जबकि हार्दिक पांड्या ने तेज तर्रार 80 रन बनाकर टीम को 324/7 के स्कोर तक पहुँचाया था। जवाब में बांग्लादेश की बल्लेबाज़ी उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार के सामने बिखर गयी और टीम का एक समय स्कोर 35/6 हो गया। भारत ने इस मैच को 240 रन से जीता था। कार्तिक के शानदार प्रदर्शन ने अब भारतीय टीम प्रबन्धन के सामने एक बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है। कार्तिक टीम में तब आये, जब मनीष पांडे के चोटिल होने की वजह से बाहर हो गये थे। लेकिन अब समस्या ये है कि क्या युवराज को बाहर बैठाकर कार्तिक को अंतिम 11 में मौका दिया जाना चाहिए। हम इस लेख में आपको 5 ऐसे कारण बता रहे हैं, जो युवराज के बजाय कार्तिक को टीम में ज्यादा फिट साबित करते हैं: आईपीएल में उनकी शानदार फॉर्म गुजरात लायंस का इस बार आईपीएल में प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा है। लेकिन टूर्नामेंट में दिनेश कार्तिक का व्यक्तिगत प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने 13 पारियों में 36.10 के औसत और 139।38 के स्ट्राइक रेट से रन बनाये हैं। इसके अलावा कार्तिक ने दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ 34 गेंदों में 65 रन की बेहतरीन पारी खेली थी। जबकि वह बल्लेबाज़ी क्रम में काफी नीचे आते थे। वहीं दूसरी तरफ आईपीएल में युवराज सिंह के प्रदर्शन पर हम एक नजर दौड़ाएं तो पाते हैं कि उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 28 के औसत और 142 के स्ट्राइक रेट से 252 रन बनाये हैं। जो कार्तिक से अच्छा नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम 11 में युवराज और कार्तिक के बीच तुलनात्मक रूप से कार्तिक का पलड़ा भारी है। घरेलू स्तर पर उम्दा प्रदर्शन साल 2016-17 के रणजी सीजन में तमिलनाडु सेमीफाइनल में पहुंची थी। जिसमें दिनेश कार्तिक की भूमिका सबसे अहम थी। कार्तिक ने 5 अर्धशतक और एक शतक की मदद से 704 रन बनाये थे। इस दौरान उनका औसत 54 के करीब था। जिसके बाद वह चयनकर्ताओं के रेडार पर आ गये थे। हालांकि उनका चयन नहीं हुआ, लेकिन विजय हजारे ट्राफी में कार्तिक ने 86 के औसत से 607 रन बनाये जहां उनका स्ट्राइक रेट 102 के करीब रहा। इसके बाद कार्तिक ने बंगाल के खिलाफ फाइनल में 102 रन की पारी खेलकर तमिलनाडु को 5वीं बार चैंपियन बनाने में मदद की। इसके बाद कार्तिक का प्रदर्शन देवधर ट्रॉफी में भी शानदार रहा, जहां उन्होंने 247 रन बनाये। फाइनल में इंडिया बी के खिलाफ कार्तिक ने 126 रन की पारी खेली। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनकी ये फॉर्म चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें अंतिम 11 में उन्हें जगह दिलाने के लिए काफी है। युवराज का इंग्लैंड में खेलने का गैप ज्यादा युवराज सिंह ने 10 साल पहले इंग्लैंड में क्रिकेट खेली थी। जबकि कार्तिक का गैप युवराज से कम है। क्योंकि दिनेश कार्तिक पिछली बार चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के नियमित सदस्य रहे थे। जहां कार्तिक ने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ वार्मअप मुकाबलों में शतक मारा था। हालांकि टूर्नामेंट के दौरान शिखर धवन और रोहित शर्मा की बढ़िया फॉर्म की वजह से कार्तिक को उतने मौके नहीं मिले थे। हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ बर्मिंघम में जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने अर्धशतक ठोंक दिया था। पूरे टूर्नामेंट में कार्तिक ने 41 के औसत से 82 रन बनाये थे। इस तरह ये वजह भी कार्तिक को टीम में मौका देने की बात को बल दे रही है। क्योंकि युवराज सिंह ने 10 साल पहले इंग्लैंड में क्रिकेट खेली है। साथ ही टी-20 क्रिकेट के आने के बाद अब वनडे में 300 रन बनना आम बात हो गया है। वहीं कार्तिक ने 94 रन बनाकर खुद के फॉर्म की वकालत कर दी है। पिच की हालत इंग्लैंड की पिचें तेज गेंदबाजों को ज्यादा मददगार होती हैं। साथ ही टीम में आर जडेजा और आर आश्विन पहले से ही स्पिनर के रूप में टीम में हैं। ऐसे में युवराज बतौर स्पिन ऑलराउंडर नहीं शामिल हो सकते हैं। यद्यपि युवराज सिंह भले ही तेज गेंदबाजों को अच्छे से खेलते हैं, लेकिन स्विंग गेंदबाज़ी को झेलना उनके लिए कठिन साबित हो सकता है। खासकर पाकिस्तानी और दक्षिण अफ़्रीकी स्विंग गेंदबाजों को खेलना काफी कठिन साबित हो सकता है। ऐसे में कार्तिक को शामिल करना सही फैसला हो सकता है। फिटनेस युवराज सिंह का प्रदर्शन आईपीएल में बहुत शानदार नहीं रहा था, साथ ही वह अहम मौके पर टूर्नामेंट में चोटिल भी हो गये थे। इसके अलावा चैंपियंस ट्रॉफी के शुरू होने से पहले ही उनकी तबियत खराब हो गयी थी। जिसकी वजह से वह न्यूज़ीलैंड के साथ हुए वार्मअप मुकाबले से बाहर हो गये थे। जबकि बांग्लादेश के खिलाफ उन्हें खेलने का मौका ही नहीं मिला था। साथ ही क्रिकेट में फिटनेस सबसे अहम है। युवराज सिंह ने अपना फिटनेस टेस्ट पास कर लिया है, लेकिन उनकी उम्र अब उनका साथ नहीं दे रही है। पहले वह जिस तरह से फील्डिंग करते थे। अब वह बात उनमें नजर नहीं आ रही है। वहीं दिनेश कार्तिक की फॉर्म और फिटनेस दोनों लाजवाब है। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ इसका परिचय भी दिया था। बल्लेबाज़ी के बाद विकेटकीपिंग में उन्होंने मह्मुद्दुल्लाह का शानदार कैच पकड़ा था।