2017 आईपीएल नीलामी में अब एक दिन का समय बचा है और टीमें अपनी जरुरत को ध्यान में रखकर इसमें हिस्सा लेंगी। कुल 352 खिलाड़ी हैमर (हथौड़े) के नीचे होंगे, जिसमें से फ्रैंचाइजियां करीब 75 खिलाड़ियों को खरीदेंगी। इन 75 खिलाड़ियों में से 28 खिलाड़ी विदेशी पेशेवर होंगे। एक दशक में खिलाड़ियों की यह आखिरी नीलामी होगी और इसे ध्यान में रखते हुए फ्रैंचाइजियां आगामी टूर्नामेंट के लिए अपने पैसे व्यर्थ नहीं करना चाहेंगी क्योंकि 2018 में फिर से सभी खिलाड़ियों को नीलामी के दौर से गुजरना पड़ेगा। इसके बावजूद बेन स्टोक्स, जेसन रॉय और कोरी एंडरसन ऐसे खिलाड़ी हैं जो नीलामी में खूब मोटी रकम हासिल कर सकते हैं। एक बार फिर नीलामी की मेजबानी वेल्श नीलामकर्ता रिचर्ड मेडले करेंगे। आईए गौर करते हैं कि आईपीएल नीलामी कैसे काम करेगा : - 351 खिलाड़ी नीलामी के लिए उपलब्ध होंगे, इन्हें अपनी भूमिका और क्षमता के आधार पर अलग-अलग ग्रुप में रखा गया है। - नीलामकर्ता खिलाड़ी के नाम की घोषणा करेगा और टीमें खिलाड़ी के आधार मूल्य से नीलामी करना शुरू करेंगी। - टीमों के प्रतिनिधित्व अपने टीम के पैडल को उठाकर नीलामी के लिए बोली लगाएंगे। जो टीम सबसे ज्यादा बोली लगाएगी वो अपनी टीम में खिलाड़ी को शामिल करने में सफल होगी। - नीलामी तब तक जारी रहेगी जब तक अन्य टीमें हार न मान ले और नीलामकर्ता खिलाड़ी के बिकने की घोषणा न कर दे। - एक खिलाड़ी बिना बिके रह जाएगा अगर कोई टीम अपना पैडल उसे खरीदने के लिए नहीं उठाएगी। - नहीं बिकने वाले खिलाड़ी दोबारा पूल में शामिल होंगे जब पहली बार का पूल ख़त्म होगा। - नीलामकर्ता टीमों को विकल्प देगा कि उनकी किस खिलाड़ी में रूचि है जो बिका नहीं है। इसके बाद वह खिलाड़ी की दोबारा नीलामी करेगा और इस बार उसका आधार मूल्य आधा कर दिया जाएगा। - दूसरी बार भी जो खिलाड़ी नहीं बिकेंगे वह आईपीएल नीलामी में अनसोल्ड कहलाएंगे। यानी वह खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा नहीं होंगे। इस तरह से नीलामी बढ़ती है
मूल्य सीमा | नीलामी बढ़ा सकते हैं |
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1 करोड़ रुपए तक | 5 लाख |
1 करोड़ से 3 करोड़ | 10 लाख |
3 करोड़ से 5 करोड़ | 20, 30, 30, 20, 20, 30, 30, 20
(सभी बोलियां लाखों में) |
5 करोड़ से अधिक | 50 लाख |
पिछली नीलामियों में सीक्रेट बिड (राज रखते हुए नीलामी) का प्रावधान था जहां टीमें विशेष खिलाड़ी को खरीद लेती थी। इस दौरान टीमें अपनी नीलामी की रकम नीलामकर्ता को सौंप देती थी, जिसकी सबसे ज्यादा बोली होती थी, खिलाड़ी उसका हो जाता था।