2017 को कहा जा सकता है उलटफेरों का साल !

सोमवार 10 जुलाई का दिन ज़िम्बाब्वे क्रिकेट इतिहास के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। हंबनटोटा में मेज़बान श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेले गए पांचवें और आख़िरी वनडे में 3 विकेट से जीत दर्ज करने के साथ ही ज़िम्बाब्वे की इस टीम ने पहली बार श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ जीती है। बुरे दौर से गुज़र रही ज़िम्बाब्वे के लिए ये जीत उनकी क्रिकेट के लिए एक नया आयाम स्थापित कर सकती है। तो वहीं पहले बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट में हार और अब वनडे सीरीज़ में ज़िम्ब्बावे के हाथों मिली शिकस्त ने श्रीलंकाई क्रिकेट पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि सच्चे क्रिकेट फ़ैन्स दिल से यही चाहते हैं कि क्रिकेट में छोटी और कमज़ोर देशों की जीत हो ताकि जेंटलमेन के इस खेल में प्रतिस्पर्धा भी बरक़रार रहे और रोमांच भी चरम पर रहे। 1983 में वेस्टइंडीज़ को हराकर टीम इंडिया का वर्ल्डकप जीतना हो या 1996 में ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त देकर श्रीलंका का वर्ल्ड चैंपियन बनना, इन उलटफेरों ने न सिर्फ़ क्रिकेट फ़ैन्स को हैरान किया बल्कि क्रिकेट के खेल में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ा दी। 1996 से लेकर अब तक क्रिकेट के कई देशों ने बड़े उलटफेर किए और फ़ैन्स को ख़ुशी से झूमने के बहुत सारे मौक़े दिए। फिर चाहे 1996 वर्ल्डकप में ही केन्या की वेस्टइंडीज़ पर जीत हो या फिर 2003 विश्वकप में उनका सेमीफ़ाइनल तक पहुंचना। इसी तरह बांग्लादेश, आयरलैंड और नीदरलैंड भी अपने से कहीं बड़ी टीमों शिकस्त देकर क्रिकेट को अनिश्चित्ताओं का खेल साबित करते रहे हैं। साल 2017 में अभी 6 महीने ही गुज़रे हैं यानी अभी आधा साल ही ख़त्म हुआ है, लेकिन ज़िम्बाब्वे की इस जीत के साथ साथ अब तक हमने कई उलटफेर भी देख लिए। क्रिकेट के लिए ये उलटफेर कैसे सुनहरा भविष्य तय कर सकते हैं इसकी बात करने से पहले एक नज़र डाल लेते हैं इस साल के अब तक के कुछ बड़े उलटफेरों पर।

  • अफ़ग़ानिस्तान ने वेस्टइंडीज़ को उन्हीं के घर में वनडे में दी शिकस्त और सीरीज़ 1-1 से बराबर की
  • बांग्लादेश ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ टेस्ट में जीत दर्ज कर की।
  • चैंपियंस ट्रॉफ़ी में न्यूज़ीलैंड को बांग्लादेश के हाथों हार मिली और बांग्लादेश पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट के सेमीफ़ाइनल तक पहुंचा
  • आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हराकर पहली बार चैंपियंस ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा किया
  • और अब ज़िम्बाब्वे ने 3-2 से 5 मैचों की वनडे सीरीज़ में श्रीलंका को शिकस्त देकर इतिहाच रच दिया

श्रीलंका, भारत, वेस्टइंडीज़ या न्यूज़ीलैंड के लिए ये हार ज़रूर किसी झटके से कम नहीं हैं। और वह भी तब जब हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान और आयरलैंड को आईसीसी ने टेस्ट खेलने का दर्जा भी दे दिया है। आईसीसी और क्रिकेट जगत छोटी और कमज़ोर टीमों की इन जीतों से बेहद ख़ुश है। वजह साफ़ है क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा बढ़ना और साथ ही साथ छोटे देशों की जीत क्रिकेट की ब्रांडिंग भी तेज़ी से करती है। उदाहरण के तौर पर अगर श्रीलंका ने ज़िम्बाब्वे को सीरीज़ में 5-0 से रौंद दिया होता, तो क्या आप और हम इस सीरीज़ की चर्चा इस तरह कर रहे होते ? अगर भारत ने पाकिस्तान को हराकर चैंपियंस ट्रॉफ़ी का ख़िताब अपने नाम कर लिया होता तो क्रिकेट जगत के लिए शायद वह हैरानी की बात नहीं होती जितनी तब हुई जब पाकिस्तान चैंपियन बना। इसी तरह वेस्टइंडीज़ की धरती पर अफ़ग़ानिस्तान का शानदार प्रदर्शन और वनडे में जीत उनके क्रिकेट ग्राफ़ को तो ऊपर ले ही गया साथ ही आईसीसी को भी क्रिकेट ब्रांडिंग में मदद कर गया। यही वजह है कि उलटफेरों का ये नंबर क्रिकेट के इस खेल को और भी रोमांचक बनाता है, साथ ही साथ क्रिकेट के भविष्य को भी सुनहरा करते हुए अपने कथन को साबित कर रहा है जहां हमेशा कहा जाता है कि क्रिकेट अनिश्चित्ताओं का खेल है।

Edited by Staff Editor
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