3 बल्लेबाज जो पहले तीन वनडे में बिना खाता खोले हुए आउट 

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क्रिकेट में सभी बल्लेबाज चाहते हैं कि उनके करियर की शुरुआत शानदार तरीके से हो। कई बल्लेबाज अपने डेब्यू मैच में बड़ी पारियां खेलते हैं तो कई बल्लेबाज बिना खाता खोले पवेलियन लौट जाते हैं। महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना जैसे बल्लेबाज अपने डेब्यू वनडे में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए थे। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, केन विलियमसन, नाथन मैकुलम, राइली रूसो जैसे बल्लेबाज पहले दो मैचों में बिना रन बनाये आउट हो गए।

क्या आपको पता है कुछ ऐसे भी बल्लेबाज हुए हैं जिन्होंने अपने पहले 3 वनडे मैचों में खाता नहीं खोला। आज हम आपको उन्हीं बल्लेबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पहले 3 वनडे मैचों में जीरो पर आउट हुए।

#1 शादाब कबीर (पाकिस्तान)

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पाकिस्तान टीम के मध्यक्रम बल्लेबाज शदाब कबीर वनडे क्रिकेट के पहले ऐसे बल्लेबाज हैं जो पहले तीन मैचों में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। सितंबर 1996 में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला। इस मैच में इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन होलीओके के शिकार बने। कबीर ने अपना दूसरा और तीसरा मैच भारत के खिलाफ खेला। सहारा कप के इन दोनों मैचों में अनिल कुंबले ने उन्हें आउट किया।

शादाब को उनके बाद कभी पाकिस्तान के लिए वनडे खेलने का मौका नहीं मिला। आपको जानकर हैरानी होगी कि वनडे मैच में बिना कोई रन बनाये या विकेट लिए ही शादाब को मैच ऑफ द मैच मिल चुका है। उनके डेब्यू मैच में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 2 विकेट से हराया था और उस मैच में पाकिस्तान के सभी 11 खिलाड़ियों को मैन ऑफ द मैच का अवार्ड दिया गया था।

#2 निकोलस डी ग्रूट (कनाडा)

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वनडे मैच में पहले 3 मैचों में बिना खाता खोले आउट होने वाले दूसरे बल्लेबाज कनाडा के निकोलस डी ग्रूट हैं। 2003 विश्वकप में ग्रूट को बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला। मध्यक्रम के बल्लेबाज ग्रूट चौथी ही बॉल पर बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। उसी विश्वकप के अगले दो मैच में केन्या और श्रीलंका के खिलाफ भी वह खाता नहीं खोल पाए।

अपने चौथे मैच में ग्रूट ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 32 गेंदों में 11 रन बनाये। उन्होंने अपने करियर में 6 वनडे मैच खेले। इसमें उन्होंने 7.33 की औसत से 44 रन बनाये।

#3 पीटर गिलेस्पी (आयरलैंड)

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इस सूची में सबसे अंतिम नाम आयरलैंड के मध्यक्रम के बल्लेबाज पीटर गिलेस्पी का है। इन बल्लेबाजों में सबसे खास बात है कि कोई भी टेलेंडर नहीं है। गिलेस्पी ने 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। उस मैच में अपनी तीसरी गेंद पर गिलेस्पी पॉल कॉलिंगवुड का शिकार बने। अगले दो मैचों में स्कॉटलैंड और नीदरलैंड के खिलाफ गिलेस्पी खाता खोले भी आउट हो गए।

केन्या के खिलाफ खेले अपने चौथे मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका ही नहीं मिला। उन्होंने अपना पांचवां और अंतिम मैच 2007 विश्वकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला। इस मैच में गिलेस्पी ने 8 गेंदों में 2 रन बनाये। इसके बाद उन्हें कभी खेलने का मौका नहीं मिला। 5 मैचों के वनडे करियर में मध्यक्रम के बल्लेबाज गिलेस्पी ने 0.5 की औसत से 2 रन बनाये।

Edited by मयंक मेहता