3 Big reasons why Sanju Samson should get more Chances in the ODI: 2024 के मुकाबले इस साल टीम इंडिया काफी सारे वनडे मैच खेलने वाली है। चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन भी इस साल होगा। ऐसे में भारत को इस फॉर्मेट में एक मजबूत टीम चाहिए। संजू सैमसन को भी इसमें शामिल किया जा सकता है, जिन्हें अब तक वनडे फॉर्मेट में ज्यादा मैच खेलने को नहीं मिले हैं।
सैमसन का वनडे डेब्यू 2021 में हो गया था और अब तक वो सिर्फ 16 मैच खेले हैं। हालांकि, सैमसन ने इतने कम मुकाबलों में भी खुद को साबित किया है और 56.66 की औसत से 500 से अधिक रन बनाए हैं। इसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। आइए जानते हैं उन 3 कारण को जिनके चलते संजू सैमसन को अब वनडे में भी बराबर मौके मिलने चाहिए।
3. आक्रामक बल्लेबाजी करने में माहिर
30 वर्षीय संजू सैमसन एक विस्फोटक बल्लेबाज हैं। उनके पास अलग-अलग पोजीशन में खेलते हुए रन बनाने की बेहतरीन कला मौजूद है। इसके साथ वह पहली गेंद से ही प्रहार करने में विश्वास रखते हैं। वनडे फॉर्मेट में भी आजकल इसी तरह की अप्रोच से खेलने वाले बल्लेबाज ज्यादा कामयाब हो रहे हैं। सैमसन के होने से टीम का बल्लेबाजी क्रम मजबूत होगा और विरोधी टीम के गेंदबाज भी उनसे खौफ खाएंगे।
2. अनुभवी खिलाड़ी
संजू सैमसन पिछले 10 सालों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं और इस दौरान उन्होंने वनडे और टी20 फॉर्मेट में कई मैच जिताऊ पारियां खेली हैं। इसके साथ आईपीएल में भी सैमसन 160 से ज्यादा मुकाबले खेल चुके हैं। लिस्ट ए क्रिकेट में उनके नाम 3400 से ज्यादा रन दर्ज हैं। केरल का ये बल्लेबाज अच्छे से जनता है कि दबाव की स्थिति में कैसे बल्लेबाजी करनी है। उनके अनुभव का फायदा भारतीय टीम टी20 के बाद वनडे फॉर्मेट में भी उठा सकती है।
1. अच्छी विकेककीपिंग करते हैं
ऋषभ पंत के अलावा वनडे फॉर्मेट में टीम इंडिया के पास कोई भी अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज मौजूद नहीं है। केएल राहुल बेहद कम ही मौकों पर ये भूमिका निभा पाए हैं। वनडे में अगर सैमसन को मौके मिलते हैं, तो उनके रूप में टीम के पास हमेशा एक अनुभवी विकेटकीपर भी मौजूद रहेगा। पंत अगर परफॉर्म करने में नाकाम रहते हैं, तो उनको ड्रॉप करके सैमसन को आसानी से ये जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस तरह से पंत पर भी अच्छा परफॉर्म करने का दबाव बना रहेगा।