क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में गेंदबाज काफी अहम भूमिका निभाते हैं। कहा जाता है कि एक बल्लेबाज सिर्फ आपको मैच जिता सकता है, जबकि गेंदबाज आपको पूरा टूर्नामेंट जिताते हैं। किसी भी बड़े टूर्नामेंट को जीतने के लिए गेंदबाजों का बेहतरीन प्रदर्शन करना जरुरी हो जाता है।
क्रिकेट में अभी तक कई बेहतरीन और शानदार गेंदबाज हुए हैं। इनमें से कुछ गेंदबाजों ने तो आते ही जबरदस्त गेंदबाजी की तो वहीं कुछ बॉलर ऐसे रहे कि उनका पीक उनके करियर के आखिरी सालों के दौरान आया। उन्होंने टॉप पर रहते हुए संन्यास का ऐलान किया।
हम आपको इस आर्टिकल में उन 3 गेंदबाजों के बारे में बताएंगे जो अपने टेस्ट करियर के आखिरी सालों में काफी सफल रहे। आइए जानते हैं कौन-कौन से गेंदबाज इस लिस्ट में हैं।
3 ऐसे गेंदबाज जो अपने टेस्ट करियर के आखिर के सालों में जबरदस्त फॉर्म में रहे
#3. क्रिस केर्न्स
क्रिस केर्न्स न्यूजीलैंड के महान ऑलराउंडरों में से एक थे। एक आक्रामक बल्लेबाज होने के साथ ही क्रिस गेंदबाज भी बहुत अच्छे थे, न्यूजीलैंड की तरफ से टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में वो आते हैं। वैसे तो क्रिस ने 1980 के आखिर में ही अपना डेब्यू किया था, लेकिन 10 सालों के लंबे अंतराल के बाद सही मायनों में उनकी प्रतिभा निखरकर सामने आयी।
क्रिस ने अपने पूरे टेस्ट करियर में 218 विकेट चटकाए, लेकिन इनमें से 115 विकेट उन्हें आखिरी के 28 टेस्ट मैचों में मिले। क्रिस ने 2004 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया, जबकि 2006 में उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था।
#2. जवागल श्रीनाथ
जवागल श्रीनाथ भारत के बेहतरीन तेज गेंदबाज थे। वो उन तेज गेंदबाजों में से एक थे, जिन्होंने स्पिन गेंदबाजी के लिए मशूहर भारतीय टीम में अपनी तेज गेंदबाजी की प्रतिभा का लोहा मनवाया।कर्नाटक के इस तेज गेंदबाज ने लगभग एक दशक तक भारतीय तेज गेंदबाजी की अगुवाई की।
श्रीनाथ ने 67 टेस्ट मैचों में 236 विकेट चटकाए। भारत का मुख्य तेज गेंदबाज होने के बावजूद श्रीनाथ अपने करियर के आखिर के कुछ सालों में सबसे ज्यादा सफल रहे। अपने करियर के आखिरी 33 टेस्ट मैचों में जवागल श्रीनाथ ने 30 से भी कम औसत से 118 विकेट झटके, इसमें उनका सबसे बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन 132 रन देकर 13 विकेट भी शामिल है। 2002 में श्रीनाथ ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला और 2003 में दक्षिण अफ्रीका में हुए विश्व कप के बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
#1. मिचेल जॉनसन
बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने अपनी तेजी और स्विंग की वजह से क्रिकेट जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई। जॉनसन को पिच से अनियमित बाउंस हासिल करने की कला भी खूब आती थी। इसी वजह से बल्लेबाजों को उनको खेलने में खासी दिक्कत होती थी। अपने करियर के आखिरी 3-4 सालों में जॉनसन ने अपनी स्पीड पकड़ी और वो बल्लेबाजों के लिए और भी खतरनाक गेंदबाज बन गए।
क्वींसलैंड के इस क्रिकेटर ने 2012 से 2015 के बीच 26 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 24 से भी कम औसत से 123 विकेट चटकाए। शायद जॉनसन के करियर का सबसे यादगार मैच भी इसी समयावधि के दौरान खेला गया, जब उन्होंने लगभग अकेले ही इंग्लैंड की पूरी बैंटिग लाइन-अप को तहस-नहस कर दिया। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मिचेल जॉनसन अपने करियर के आखिर के सालों में ज्यादा असरदार रहे।