क्रिकेट का पहला टी-20 मैच 17 फरवरी 2005 को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। कीवी टीम का लुक उस समय एकदम रेट्रो लुक की तरह फीलिंग दे रहा था। दोनों चिर प्रतिद्वंदियों के बीच मैच काफी रोमांचक हुआ। उस मैच में दर्शकों का पूरा मनोरजंन हुआ, लेकिन 2007 में भारत के पहले टी-20 वर्ल्ड कप के जीतने के बाद ही इसको देखने वाले दर्शकों की संख्या में इजाफा हुआ।
2008 में ललित मोदी ने फ्रेंचाइजी बेस प्रीमियर लीग का आगाज किया। इसकी अपार सफलता और लोकप्रियता को देखते हुए कई सारे देशों ने अपने यहां फ्रेंचाइजी बेस्ड लीग की शुरूआत की। डेविड वॉर्नर, क्रिस गेल और किरोन पोलॉर्ड जैसे खिलाड़ियों ने अपने आक्रामक खेल से लोगों के दिलों में एक खास जगह बना ली है। ये खिलाड़ी हमेशा अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से सुर्खियों में बने रहते हैं और फैंस का मनोरजंन करते हैं।
लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी होते हैं जो सालों से लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आए, लेकिन उनको इतनी शोहरत हासिल नहीं हुई। आइए नजर डालते हैं ऐसे ही 3 खिलाड़ियों पर।
टी-20 के 3 ऐसे बेहतरीन खिलाड़ी जिनको कम करके आंका गया
1.माइकल क्लिंगर
माइकल क्लिंगर ने 206 टी-20 मैचों में 34.45 की औसत और 123 के स्ट्राइक रेट से 5960 रन बनाए। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि उनमें कितनी प्रतिभा थी। इतना ही नहीं उनके खेल को देखकर उनका निकनेम महान बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन के नाम पर 'जेविश ब्रैडमैन' रख दिया गया था।
2014-15 के बिग बैश सीजन में माइकल क्लिंगर ने पर्थ स्कॉरचर्स के लिए 326 रन बनाए और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। 2011 की आईपीएल नीलामी में उन्हें कोच्चि टस्कर्स ने भी खरीदा था। लेकिन एक टीम में 4 से ज्यादा विदेशी खिलाड़ियों के खिलाने पर पांबदी की वजह से उन्हें अंतिम 11 में जगह नहीं मिल पाई थी।
2. हेनरी डेविड्स
2009 के टी-20 चैंपियस लीग में हेनरी डेविड्स ने टॉप ऑर्डर में केप कोबराज के लिए बेहतरीन रन बनाए। इसकी वजह से मुश्किल हालात में भी केप कोबराज जीतने में कामयाब रही। हेनरी ने 185 टी-20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 23.73 की औसत और 124.76 की स्ट्राइक रेट से 3869 रन बनाए हैं।
क्लब लेवल के क्रिकेट में हेनरी ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। 2014-15 के कैरेबियन प्रीमियर लीग सीजन में हेनरी सेंट लूसिया ज्यूक्स की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में तीसरे नंबर पर थे। उन्होंने टूर्नामेंट में 7 मैचों में शानदार 156 रन बनाए थे। ये इस बात का संकेत था कि वो इस फॉर्मेट के कितने अच्छे खिलाड़ी हैं।
3.रजत भाटिया
37 साल के ऑलराउंडर खिलाड़ी रजत भाटिया काफी अनुभवी खिलाड़ी थे। वे काफी स्मार्ट क्रिकेट खेलते थे और 7 से 15 ओवर के बीच रनों के बहाव को रोकते हुए अहम विकेट निकालना उनकी गेंदबाजी की सबसे बड़ी खासियत थी। वहीं बल्लेबाजी में भी उन्होंने कई अहम पारियां खेली थी। रजत भाटिया हर तरह की गेंदबाजी करते थे। वो कटर डालते थे, स्लोअर बॉल करते थे और गेंद को रिवर्स स्विंग भी करा लेते थे।
आइपीएल के पहले सीजन में रजत दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम का हिस्सा थे। इसके बाद अगले कुछ सीजन वो कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स की तरफ से भी खेले। रजत भाटिया ने 95 आईपीएल मैचों में 71 विकेट चटकाए। इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट 7.41 का था। जिन परिस्थितियों में वो गेंदबाजी करने के लिए आते थे उस हालात में ऐसी किफायती गेंदबाजी काबिलेतारीफ है।
वहीं बल्लेबाजी में भी भाटिया ने अच्छे हाथ दिखाए। 95 मुकाबलों में उन्होंने 342 रन बनाए। रजत भाटिया को सभी कप्तान पसंद करते थे, क्योंकि अपनी विविधता भरी गेंदबाजी की वजह से उनके अंदर मैच का रुख पलटने की क्षमता थी।