3 बड़े बदलाव जो पिछले 25 सालों में भारतीय टीम में आए

भारतीय टीम में काफी बदलाव आ गए हैं
भारतीय टीम में काफी बदलाव आ गए हैं
भारतीय क्रिकेट टीम में काफी बदलाव आए ॉउमेश यादव
भारतीय क्रिकेट टीम में काफी बदलाव आए ॉउमेश यादव

समय के साथ खेलों में भी काफी बदलाव आ गए हैं। इसी वजह से हम खेलों को और भी ज्यादा पसंद करते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में भी पिछले 25 से 26 सालों में काफी बदलाव हुए हैं।

90 का दशक भारतीय क्रिकेट टीम का सबसे कठिन दौर था। ये सही है कि भारतीय टीम अब काफी मजबूत हो गई है, लेकिन अगर इतिहास को देखें तो भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों से काफी पीछे थी। हालांकि दर्शकों की भारी तादाद और क्रिकेट के बड़े बाजार की वजह से पिछले 2 दशक में भारतीय क्रिकेट टीम और बोर्ड में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं। खिलाड़ियों का बॉडी लैंग्वेज, और उनके एट्टीट्यूड में काफी बदलाव आ गए हैं।

भारतीय टीम अब केवल जीत के लिए खेलती है, खासकर घरेलू पिचों पर भारतीय टीम और भी खतरनाक हो जाती है। आइए जानते हैं 3 ऐसे ही बदलावों के बारे में जो पिछले 25 सालों में भारतीय टीम में हुए और 90 के खिलाड़ी इस टीम को काफी पसंद करेंगे।

3 बड़े बदलाव जो पिछले 25 सालों में भारतीय टीम में आए

1.गेंदबाजों समेत सबका फील्डिंग स्तर काफी ऊंचा हो गया है

England v India - 3rd Royal London Series One Day International
England v India - 3rd Royal London Series One Day International

इस वक्त भारतीय टीम का फील्डिंग स्तर काफी ऊंचा है। यहां तक कि तेज गेंदबाज भी अब बेहतरीन फील्डिंग करने लगे हैं। भारत के सभी तेज गेंदबाज भुवेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह, आवेश खान और उमेश यादव शानदार फील्डिंग कर रहे हैं। वहीं बात अगर की जाए रविंद्र जडेजा की तो वो दुनिया के बेहतरीन फील्डरों में शुमार किए जाते हैं। इसी वजह से भारतीय टीम की फील्डिंग आजकल काफी मजबूत मानी जाती है।

2.टीम में तेज गेंदबाजों की भरमार

मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह
मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह

भारतीय टीम में इस वक्त कई जबरदस्त तेज गेंदबाज हैं और ये एक बड़ा बदलाव भारतीय टीम में आया है। पहले टीम सिर्फ एक या दो गेंदबाजों पर ही निर्भर होती थी लेकिन अब टीम के पास कई ऐसे दिग्गज तेज गेंदबाज हैं जो लगातार 140 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं।

भारतीय गेंदबाजो की इस समय जो औसत गति है वो भारतीय क्रिकेट टीम के लिए नई बात है ।इससे पहले भारत के पास कभी भी एक साथ कई ऐसे तेज गेंदबाज नहीं रहे हैं, जो लगातार 140 की स्पीड से गेंदबाजी कर सकें और उप महाद्वीप की पिचों पर नई और पुरानी गेंद से 5वें दिन भी विकेट निकाल सकें। निश्चित ही भारतीय टीम इस विभाग में अब काफी आगे निकल चुकी है ।

3.आक्रामक बॉडी लैंग्वेज

मोहम्मद सिराज
मोहम्मद सिराज

क्रिकेट में बॉडी लैंग्वेज बहुत ही अहम होता है। वर्तमान में विराट कोहली और भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली इसके बेस्ट उदाहरण हैं। खेल के दौरान मैदान पर कोहली बहुत कम ही चुप रहते हैं। कोहली के पास एट्टीट्य़ूड है, क्योंकि उनके पास टैलेंट भी है ।

सबसे अहम बात ये है कि मैदान पर वो दूसरे खिलाड़ियों का भी उत्साह बढ़ाते हैं। अब वो दिन चले गए जब भारतीय तेज गेंदबाजों पर ऑस्ट्रेलिया या फिर अन्य देशों के बल्लेबाज स्लेजिंग किया करते थे। भारतीय खिलाड़ी भी अब इस तरह की स्लेजिंग का जवाब देना जान गए हैं।

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Edited by सावन गुप्ता