ज़्यादातर लोग टी-20 क्रिकेट को सिर्फ़ रनों की तेज़ रफ़्तार और चौकों-छक्कों की बारिश से जोड़कर देखते हैं, जबकि यह भी क्रिकेट का ही एक प्रारूप है और इसलिए वनडे और टेस्ट की तरह ही बल्ले और गेंद के बीच की स्वाभाविक लड़ाई होती है। 200 रनों का स्कोर तो अब टी-20 के खेल में आम हो चुका है, जो संकेत है कि धीरे-धीरे टी-20 में बल्लेबाज़ों की भूमिका गेंदबाज़ों पर हावी होती जा रही है और अब यह दो बल्लेबाज़ों के बीच की प्रतियोगिता बनकर रह गया है।
इन बातों को ध्यान में रखते हुए हम ऐसे तीन संभावित बदलावों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जो इस प्रारूप में गेंदबाजों की अहमियत को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं:
#1 विकेटों की संख्या हो जाए आधी
1 / 3
NEXT
Published 26 Feb 2018, 07:43 IST