#3 बढ़ जाए गेंदबाज़ों का कोटा
हालिया नियम के मुताबिक़, टी-20 में एक गेंदबाज़ सिर्फ़ 4 ओवरों का स्पेल ही कर सकता है। ज़्यादातर मौकों पर गेंदबाज़ी कर रही टीम के कप्तान को अपने पार्ट-टाइम गेंदबाज़ के विकल्प को आज़माना पड़ता है। अगर चार मुख्य गेंदबाज़ों में से किसी भी एक का स्पेल ख़राब होता है (जिसकी संभावनाएं पर्याप्त होती हैं) तो कप्तान के लिए गेंदबाज़ी का विकल्प ढूंढना बड़ी चुनौती बन जाता है। अगर कप्तान को किन्हीं दो गेंदबाज़ों से 5 ओवर कराने की छूट हो तो पार्ट-टाइम बोलर की आज़माइश सिर्फ़ 2 ओवरों तक ही सीमित रहेगी। ऐसी स्थिति में बल्लेबाज़ों को भी अच्छे बोलर्स का सामना कुछ और ओवरों तक करना पड़ेगा, जो इस छोटे प्रारूप में काफ़ी निर्णायक हो सकता है। लेखकः किशोर वी नाथ अनुवादकः देवान्श अवस्थी
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