क्रिकेट (Cricket) के सीमित ओवरों के प्रारूप में लगातार नियमों में बदलाव किए जाते रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य क्रिकेट के खेल को ज्यादा से ज्यादा रोमांचक बनाने का रहा है। कुछ बदलाव खेल में और जान फूंक देते हैं तो वहीं कुछ का असर नहीं होने की वजह से समाप्त कर दिए जाते हैं, लेकिन कई मौकों पर आईसीसी ने कुछ ऐसे नियमों को हटा दिया जिसके रिजल्ट बेहतर आ रहे थे।
आईसीसी ने अभी तक कई जबरदस्त क्रिकेट के नियम खत्म कर दिए हैं या फिर उनमें संशोधन किया गया है। हालांकि इनमें से कुछ नियम ऐसे थे जो काफी बेहतरीन थे और उन्हें नहीं हटाना चाहिए था। हम आपको इस आर्टिकल में ऐसे ही कुछ नियमों के बारे में बताएंगे जिन्हें शायद खत्म नहीं करना चाहिये था।
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क्रिकेट के 5 ऐसे नियम जिन्हें खत्म नहीं करना चाहिए था
3. सुपर सब
साल 2005 में आईसीसी क्रिकेट के नियमों के लेकर थोड़ा चिंतित हो गया, इसलिए उसने क्रिकेट के नियमों में कई बदलाव किए। जिसमें एक था "सुपर सब", इस नियम के अनुसार फुटबॉल की तर्ज पर क्रिकेट में भी 12वें खिलाड़ी की अनुमति होती थी जिसे आप मैच के दौरान अपने एकादश के किसी एक खिलाड़ी से बदल सकते थे। इस नियम को कप्तानों से ज्यादा समर्थन नहीं मिला इसलिए आईसीसी ने इसे समाप्त कर दिया, लेकिन एक दर्शक के नजरिए से यह काफी रोचक नियम था।
2. रनर के इस्तेमाल पर रोक
जब 1744 में क्रिकेट के नियम बने तो उसमें रनर का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन आखिर के 120 सालों के दौरान इसका काफी प्रचलन हो गया था। इस नियम के अनुसार अगर बल्लेबाज को दौड़ने में दिक्कत हो रही हो या उसे कोई और शारीरिक परेशानी हो तो वह पारी के बीच में रनर ले सकता था।
हालांकि 2011 में इस नियम को पूरी तरह हटा दिया गया और बोला गया कि अगर बल्लेबाज दौड़ नहीं पा रहा है तो उसे रिटायर्ड हर्ट होना पड़ेगा। इस नियम का उपयोग कई बार गलत तरीके से किया जाता रहा है लेकिन फिर भी इसे हटाना नहीं चाहिए था। इस वजह से कई बार बल्लेबाज चोटिल होने के बावजूद मैच में हिस्सा लेता है जिस वजह से उनकी इंजरी और ज्यादा गहरी हो सकती है।
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