3 क्रिकेट अम्पायर जिन्हें भारतीय फैन्स नापसंद करते हैं

इन अम्पायरों को भारतीय फैन्स पसंद नहीं करते
इन अम्पायरों को भारतीय फैन्स पसंद नहीं करते

क्रिकेट के मैदान पर अम्पायर का निर्णय सर्वमान्य होता है। उन्हें चंद सेकंड के समय में कोई निर्णय लेना होता है। ऐसे में कई बार फैसले बल्लेबाज के खिलाफ जाते हैं। आलोचनाएं होती है और उन्हें अगले मैच से हटाने की मांग तक होते हुए देखा गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा बहुत बार देखने को मिला है। भारतीय टीम और खिलाड़ी खराब अम्पायरिंग के शिकार बहुत बार हुए हैं। इनमें एक बार ऐसा भी हुआ कि खराब अम्पायरिंग के कारण भारत को ड्रॉ होने जा रहे टेस्ट मैच में शिकस्त का सामना करना पड़ा।

तकनीक आने से खराब निर्णयों में कमी आई है। कई ऐसे मामले भी हैं जहां तकनीक का इस्तेमाल किये बिना अम्पायर खराब निर्णय देते हुए दिखे हैं। ऐसे ही कुछ अम्पायर हैं जो भारत के खिलाफ फैसले देते रहे और दर्शकों की नफरत का शिकार हुए।


अशोका डी सिल्वा

अशोका डी सिल्वा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है
अशोका डी सिल्वा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है

भारत और श्रीलंका मैच में अगर अशोका डी सिल्वा अम्पायर होते थे तो कम से कम एक निर्णय उनका जरुर टीम इंडिया के खिलाफ रहने की आशंका रहती थी। इसके अलावा भारतीय टीम में अशोका डी सिल्वा का शिकार सौरव गांगुली कई बार हुए हैं। नवंबर 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ मुकाबले में भारत की पहली पारी में सौरव गांगुली को मर्विन डिल्लन की गेंद पर पगबाधा आउट दिया गया। मुख्य अम्पायर उस समय अशोका डी सिल्वा ही थे। साफ़ नजर आ रहा था कि गेंद गांगुली के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर पैड पर लगी थी। इस निर्णय पर अम्पायर की काफी आलोचना हुई थी। गांगुली ने भी कहा था कि तकनीक आने से खेल के इस क्षेत्र में सुधार हो सकता है।

डी सिल्वा को 2011 में कुछ खराब फैसलों की वजह से मुख्य मैचों से हटा दिया गया था। भारत के खिलाफ उनके कई निर्णय गलत रहे और इसी वजह से भारतीय फैन्स इन्हें पसंद नहीं करते हैं।

मार्क बेंसन

मार्क बेंसन ने कई खराब फैसले एक मैच में दिए थे
मार्क बेंसन ने कई खराब फैसले एक मैच में दिए थे

यह उस अम्पायर का नाम है जिसकी वजह से टीम इंडिया को एक टेस्ट मैच हारना पड़ा था। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2007-08 के सिडनी में खेले गए दूसरे मैच में काफी बड़ा विवाद हुआ। पांचवें दिन का खेल समाप्त होने के कुछ समय पहले भारतीय टीम को आउट कर ऑस्ट्रेलिया ने इसे 122 रन से जीता था लेकिन खराब अम्पायरिंग के लिए इसे हमेशा याद रखा जाता है। दूसरी पारी में सौरव गांगुली के कैच पर मार्क बेंसन ने रिकी पोंटिंग से पूछकर आउट दिया जबकि तीसरे अम्पायर से पूछकर निर्णय लेना था। क्लार्क ने जब गांगुली का कैच लपका तब गेंद जमीन को छू रही थी।

इसके अलावा उस पारी में राहुल द्रविड़ को भी झूठा आउट दिया गया। उस मैच में कम से कम 6 निर्णय भारत के खिलाफ थे और बेंसन के साथ स्टीव बकनर भी अम्पायर थे। ऑस्ट्रेलियाई पारी के दौरान आउट होने वाले खिलाड़ियों को भी बेंसन और बकनर ने नॉट आउट दिया। मैच के बाद क्रिकेट जगत में अम्पायरिंग को लेकर एक भूचाल आ गया। भारत से लेकर ऑस्ट्रेलिया के मीडिया ने भी काफी लेख इस पर लिखे। इस मैच को भारतीय क्रिकेट प्रेमी हमेशा याद रखते हैं।

स्टीव बकनर

स्टीव बकनर ने सचिन को काफी बार आउट दिया था
स्टीव बकनर ने सचिन को काफी बार आउट दिया था

स्टीव बकनर का सबसे ज्यादा बार शिकार होने वाले खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर रहे। उनके खराब फैसलों की वजह से तेंदुलकर 3 से 4 बार शतक बनाने से चूक गए। 2003-04 में जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरा करने गई तब पर्थ टेस्ट में गिलेस्पी की गेंद पर बकनर ने सचिन को बिना खाता खोले पगबाधा आउट देकर पवेलियन भेज दिया। टीवी रिप्ले में साफ नजर आ रहा था कि गेंद विकेट से बाहर जा रही थी।

इसके अलावा 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ सचिन तेंदुलकर को बकनर ने कीपर के हाथों कैच की अपील पर आउट दिया। गेंद ने उनके बल्ले का किनारा नहीं लिया था। इसके बाद उन्होंने गलती भी मानी थी लेकिन भारत को नुकसान उठाना पड़ा, तेंदुलकर उस समय 52 रन पर खेल रहे थे। बकनर के खुद के अम्पायरिंग करियर का यह 100वां टेस्ट था। 1998 में अपने जन्मदिन के मौके पर सचिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 134 रन पर खेल रहे थे तब माइकल कास्प्रोविच की गेंद पर बकनर ने तेंदुलकर को आउट दिया जबकि उनका पांव ऑफ़ स्टंप से बाहर था। इसके अलावा 2008 के सिडनी टेस्ट में मार्क बेंसन के साथ 6 गलत फैसले देने में स्टीव बकनर भी साथ थे।

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