वार्म-अप मैचों में टीम इंडिया के 3 यादगार प्रदर्शन

वार्म-अप मैच किसी बड़े टूर्नामेंट से पहले एक टीम को तैयारियों का जायज़ा लेने का मौका उपलब्ध कराते हैं। इसमें कोई टीम अपने 15 सदस्यीय टीम को आज़मा सकती हैं। किसी बड़े टूर्नामेंट से पहले वार्म-अप मैच खिलाड़ियों को विदेशी परिस्थितिओं से तालमेल बैठाने का मौका देते हैं। वार्म-अप मैचों को आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं मन जाता और इसमें किसी खिलाड़ी के बनाए रिकॉर्ड की गणना नहीं की जाती। इसके अलावा, टीमों को अपने सभी सदस्यों को इसमें खिलाने की इजाज़त होती है। हालांकि, केवल 11 खिलाड़ी ही बल्लेबाजी कर सकते हैं और एक समय पर मैदान में रह सकते हैं। अतीत में, किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट से पहले भारत ने वार्म-अप में शिरकत की है और कई रिकार्ड भी बनाए हैं। कई प्रैक्टिस मैचों में भारतीय खिलाडियों ने प्रशंसकों का दिल जीता है। जीतों ने प्रशंसकों के दिलों में एक विशेष स्थान आयोजित किया है। तो आइये इस लेख में हम वार्म-अप मैचों में टीम इंडिया के 3 यादगार प्रदर्शनों में एक नज़र डालें:

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (विश्व कप 2011)

टीम इंडिया ने बैंगलोर में अपने पहले वार्म-अप मैच में ऑस्ट्रेलियाई को हराकर 2011 विश्व कप की अच्छी शुरूआत की थी। ऑस्ट्रेलिया की स्पिन के खिलाफ कमजोरी एक बार फिर उजागर हुई जब कंगारू बल्लेबाज़ों ने भारतीय स्पिन गेंदबाज़ों के आगे घुटने टेक दिए। उस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए, भारत ने नियमित अंतराल पर विकेट खोए और एक समय पर मेहमान टीम का स्कोर 138/8 पर पहुंच गया था। वीरेंद्र सहवाग ने अर्धशतक बनाया और यूसुफ पठान ने उपयोगी 32 रन बनाये लेकिन दूसरा कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं पाया। भारत के पुछल्ले बल्लेबाज़ों ने धीरे-धीरे रन बनाकर टीम का स्कोर 214 तक पहुंचाया। ऑस्ट्रेलिआ की मजबूत बल्लेबाज़ी लाइन-अप के सामने यह स्कोर मामूली लग रहा था। हालांकि, भारतीय गेंदबाजों ने इस मामूली स्कोर को भी ग़ैर-मामूली बना दिया। भारतीय गेंदबाज़ों खासकर स्पिनर्स के सामने शक्तिशाली दिखने वाले ऑस्ट्रेलियाई लाइन-अप ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। पियुष चावला और हरभजन सिंह ने मिलकर सात विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर जहां एक समय में 118/2 है और वो जीतते हुए दिखाई दे रहे थे। भारतीय स्पिनर्स ने कुछ ही ओवरों में मैच का पासा पलट दिया और पूरी टीम 176 रनों पर ढेर हो गयी और भारत ने यह मैच बड़ी आसानी से 38 रनों से जीत लिया। संक्षिप्त स्कोर: भारत 214/10 (सहवाग 54, यू. पठान 32; ली 3/35); ऑस्ट्रेलिया 176/10 (पोंटिंग 57, पेन 38; चावला 4/31)

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (चैंपियंस ट्रॉफी 2013)

भारत और ऑस्ट्रेलिया में हमेशा कांटे की टक्कर होती है फिर चाहे वो वार्म-अप मैच हो या आधिकारिक मैच। 2013 में सोफिया गार्डन, कार्डिफ़ में चैम्पियंस ट्रॉफी के पहले वार्म-अप मैच में दोनों टीमों में ज़बरदस्त मुकाबला हुआ। पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही और एक समय पर भारत का स्कोर 55/5 पर पहुंच गया था। लगभग आधी टीम के पैवेलियन वापिस परतने के बाद सारा दारोमदार कप्तान एमएस धोनी और दिनेश कार्तिक पर आ गया था। कप्तान धोनी (91) और कार्तिक (146 *) ने छठे विकेट के लिए 211 जोड़े और भारत को निर्धारित 50 ओवरों में 308 के बढ़िया स्कोर तक पहुंचा दिया। इसके बाद भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को 23 ओवरों में सिर्फ 65 रनों पर ढेर कर दिया और मैच को 243 रन के बड़े अंतर से जीत लिया। उमेश यादव ने 18 रन देकर 5 विकेट लिए और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। संक्षिप्त स्कोर: भारत 308/6 (कार्तिक 146 *, धोनी 91; मैके 2/39) ऑस्ट्रेलिया 65/10 (वोगस 23, ह्यूजेस 14; उमेश 5/18)

भारत बनाम श्रीलंका (चैंपियंस ट्रॉफी 2013)

2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी हर लिहाज़ से भारत के लिए एक आदर्श टूर्नामेंट था। उन्होंने फाइनल में पहुंचने से पहले लगभग सभी विपक्षी टीमों को हराया और फाइनल में इंग्लैंड को महज़ 5 रनों के अंतर से हराकर चैंपियंस ट्रॉफी पर दूसरी बार कब्ज़ा जमाया। इंग्लैंड के एजबेस्टन में श्रीलंका के खिलाफ वार्म-अप मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय गेंदबाज़ों को हावी होने का मौका नहीं दिया। श्रीलंका की तरफ से तिलकरत्ने दिलशान ने शानदार 84 रन बनाकर अपनी टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। उसके बाद परेरा ने भारतीय गेंदबाज़ों की दवाब बनाने का मौका नहीं दिया और आउट होने से पहले शानदार 82 रन बनाए और निर्धारित 50 ओवरों में श्रीलंका ने भारत को जीत के लिए 335 रनों का लक्ष्य दिया। उस के बाद बल्लेबाज़ी करने उतरी टीम इंडिया ने भी अच्छी शुरुआत की। जीतने के लिए मिले 334 रनों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शीर्ष बल्लेबाज़ों पर दवाब था, इसलिए अच्छी शुरुआत मिलने के बावजूद भारत ने अपने शीर्ष क्रम बल्लेबाज़ों के बल्लेबाज़ों को जल्दी खो दिया। एक समय पर टीम इंडिया का स्कोर 4 विकेट के नुक्सान पर 110 था और भारत को जीत के लिए 224 रनों की दरकार थी। अब भारत को जीत दिलाने का जिम्मा कोहली और दिनेश कार्तिक पर था। दोनों खिलाड़ियों ने अपेक्षा अनुरूप प्रदर्शन करते हुए क्रमशः 144 और 106 रन बनाए और टीम इंडिया को जीत दिला दी। संक्षिप्त स्कोर: श्रीलंका 333/5 (दिलशान 84, केजे परेरा 82; ईशांत 1/41) भारत 337/5 (कोहली 144, कार्तिक 106 *; इरंगा 2/60) लेखक: अथर्वा आप्टे अनुवादक: आशीष कुमार

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