आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स को सबसे सफल टीमों में से एक माना जाता है। दो साल बैन के बाद वापस आते ही चेन्नई सुपरकिंग्स ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए खिताबी जीत प्राप्त की थी। चेन्नई सुपरकिंग्स की और खास बात यह है कि इस टीम में महेंद्र सिंह धोनी शुरू से कप्तान रहे हैं। इसके अलावा चेन्नई सुपरकिंग्स के दर्शक भी अन्य टीमों के दर्शकों से कहीं ज्याद लग नजर आते हैं। इस टीम के दर्शक खिलाड़ियों का शानदार समर्थन करते हुए पूरी तरह समर्पित होकर मैच का आनन्द उठाते हैं।
पिछले एक दशक से ज्यादा समय में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए कई खिलाड़ियों ने क्रिकेट खेला है। कई खिलाड़ी इस दौरान सफलता की सीढ़ियाँ चढ़े, तो कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। कई बार ऐसा होता भी है कि दिग्गज नाम मुख्य टूर्नामेंट या बड़ी टीम के साथ जुड़ने के बाद नाम के अनुरूप सफल नहीं हो पाते। चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ जुड़ने वाले कई खिलाड़ियों के साथ ऐसा देखना को मिला है। इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों की चर्चा की गई है जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़े नाम थे लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ आईपीएल में खेलते हुए उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी।
चेन्नई सुपरकिंग्स में फ्लॉप 3 दिग्गज खिलाड़ी
सैमुएल बद्री
वेस्टइंडीज से आने वाले इस स्पिनर ने चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए साल 2014 में खेला था। 4 मैच खेलने वाले बद्री को ज्यादा सफलता नहीं मिली। इस सीजन से ठीक पहले टी20 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के लिए बद्री ने 5 मैच में 11 विकेट चटकाए थे। सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में उनका नाम तीसरे स्थान पर था। उस समय आईसीसी टी20 रैंकिंग में उनका नाम टॉप एक पर आ गया था।
एंड्रू फ्लिंटॉफ
इंग्लैंड के इस ऑल राउंडर को जब 2009 में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खरीदा गया तब उनका काफी बड़ा नाम विश्व क्रिकेट में था। एंड्रू फ्लिंटॉफ ने चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए महज तीन मुकाबले खेले और 62 रन बनाए। इसके अलावा गेंदबाजी में उन्हें 2 ही विकेट हासिल हुए। इसके बाद उन्हें चेन्नई सुपरकिंग्स से खेलने का मौका नहीं मिला।
थिसारा परेरा
इस श्रीलंकाई खिलाड़ी ने चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए 2010 के आईपीएल में महज एक मैच खेला और एक ओवर में 19 रन लुटाए। हालांकि उनके इस प्रदर्शन के आधार पर उनका मूल्यांकन नहीं किया जा सकता लेकिन चेन्नई के बाद भी उनका हाल ऐसा ही रहा। चेन्नई के बाद उन्होंने आईपीएल में पांच टीमों की तरफ से खेला लेकिन कभी भी प्रभावशाली साबित नहीं हुए।