पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की गिनती क्रिकेट इतिहास के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में होती है। वह बिना फॉर्मेट की परवाह किए अपने तरीके से बल्लेबाजी करते थे। मुल्तान के सुल्तान नाम से मशहूर इस बल्लेबाज ने 104 टेस्ट मैचों में 49.34 की औसत से 8586 रन बनाए हैं। इसमें 23 शतक और 32 अर्धशतक भी शामिल है। उन्होंने यह रन 82.21 की स्ट्राइक रेट से बनाये हैं। आज हम आपको सहवाग की 3 सबसे बड़ी टेस्ट पारियों के बारे में बताने जा रहे हैं। 3. 293 बनाम श्रीलंका, मुंबई, 2009 श्रीलंका टीम 2009 में भारत दौरे पर आई थी। पहले दो टेस्ट मैचों में मेजबान टीम एक में जीत हासिल कर 1-0 की लीड के साथ तीसरे मैच में उतरी। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका की टीम ने तिलकरत्ने दिलशान के शतक और एंजेलो मैथ्यूज के 99 रनों की बदौलत 393 रन बनाये। इसके जबाव में वीरेंद्र सहवाग के 254 गेंदों में 293 रनों की पारी की बदौलत भारत ने 726/9 के स्कोर पर अपनी पारी घोषित की। सहवाग ने इस पारी में 40 चौके और 6 छक्के भी जमाये। वह सिर्फ 7 रनों से तिहरा शतक लगाने से चूक गए। वह भले ही तिहरे शतक से चूक गए लेकिन उनकी इस पारी की वजह से भारतीय टीम ने श्रीलंका पर पारी और 25 रनों से जीत दर्ज की। इस जीत के बाद भारतीय टीम पहली बार टेस्ट मैचों में नंबर एक टीम बनी थी।2. 309 बनाम पाकिस्तान, मुल्तान, 2004 भारतीय टीम 2004 में पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। मुल्तान में खेले गए 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। वीरेंद्र सहवाग ने उस मैच 375 गेंदों पर 309 रनों की पारी खेली। उन्होंने इस पारी में 39 चौके और 6 छक्के लगाये। यह टेस्ट क्रिकेट में किसी भी भारतीय बल्लेबाज का पहला शतक था। उनके अलावा सचिन तेंदुलकर ने 194 रनों की नाबाद पारी खेली। इन पारियों की बदौलत भारत ने पहली पारी में 675 रनों पर घोषित कर दी। पाकिस्तान टीम ने पहली पारी में 407 रन बनाए। 268 रनों से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने उन्हें फॉलोऑन दिया। पाक टीम दूसरी पारी में 216 रन ही बना पाई और भारत ने इस मैच को पारी और 52 रनों से जीत लिया। इसी पारी के बाद वीरेंद्र सहवाग का नाम ‘मुल्तान का सुल्तान’ हो गया। उस सीरीज को भारतीय टीम ने 2-1 से जीता था और सहवाग को उसमें मैन ऑफ द सीरीज का अवार्ड भी मिला था।1. 319 बनाम दक्षिण अफ्रीका, चेन्नई, 2008 दक्षिण अफ्रीका की टीम 2008 में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने भारत के दौरे पर आई थी। चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच में मेहमान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। हाशिल आमला के 159 रनों की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 540 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में वीरेंद्र सहवाग की 319 रनों की बदौलत 627 रन बना दिए। सहवाग की पारी में 42 चौके और 6 छक्के शामिल थे। उस पारी में सहवाग ने 100 से ऊपर के स्ट्राइक रेट से रन बनाये। उनकी यह पारी टेस्ट क्रिकेट में किसी भी भारतीय बल्लेबाज की सबसे बड़ी पारी है। यह मैच ड्रा रहा और सहवाग को उनकी पारी के लिए मैन ऑफ द मैच का अवार्ड मिला। 3 मैचों की वजह सीरीज बाद में 1-1 से ड्रा रही। लेखक: कौशिक, अनुवादक: ऋषि