2003 विश्वकप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार झेलने के बाद उसी साल के अंत में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई। सौरव गांगुली की कप्तानी वाली इस टीम ने ब्रिस्बेन में पहला टेस्ट मैच खेला। उस समय दुनिया की सबसे खतरनाक टीम माने जाने वाली ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 323 रन बनाये। भारतीय टीम को शुरूआती झटके लगने के बाद कप्तान सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के साथ पिच पर टिक गए। दोनों ही बल्लेबाजों ने 5वें विकेट के लिए करीब 150 रनों की साझेदारी बनाई। लक्ष्मण ने जहां 75 रन बनाए वहीं दादा ने 196 गेंदों पर 144 रनों की पारी खेली। इस पारी की बदौलत भारतीय टीम को पहली पारी में 86 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त मिल गई। इसके बाद आक्रामक माने जाने वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम भी मैच बचाने को देखने लगी और अंत में यह मैच ड्रा रहा।