वेस्टइंडीज की पिचे हमेशा बल्लेबाजों का टेस्ट लेती हैं। यहाँ तेज गेंदबाजों के साथ ही स्पिनरों के लिए भी काफी मदद होती है। 2006 में वेस्टइंडीज दौरे पर गई भारतीय टीम को सीरीज का अंतिम मैच जमैका में खेलना था। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के दोनों सलामी बल्लेबाज 1 और 0 बनाकर पवेलियन लौट गए। गेंदबाजी के लिए मददगार इस पिच पर भारतीय दीवार राहुल द्रविड़ ने 215 गेंदों पर 81 रनों की जुझारू पारी खेली। उनकी पारी की बदौलत भारतीय टीम पहली पारी में 200 रन तक पहुँच पाई। पहली पारी में विंडीज टीम मात्र 103 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में भी भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही लेकिन 166 गेंदों में 68 रन बनाकर द्रविड़ ने भारत के स्कोर को 171 तक पहुंचा दिया। अंत में भारत ने इस मैच को 49 रनों से जीत लिया। भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने भले ही इस मैच में शतकीय पारी नहीं खेली लेकिन दो ऐसी पारियां खेल दी जो हमेशा याद की जाएंगी। लेखक: सिद्धार्थ राजपूत अनुवादक: ऋषि