भारतीय टीम (Indian Team) के लिए खेलने का सपना हर खिलाड़ी का होता है और उसमें भी टेस्ट क्रिकेट में खेलना एक बड़ा सपना होता है। अक्सर देखा गया है कि खिलाड़ी अपनी भावनाओं के बारे में बात करते हुए टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना देखते हैं और देश के साथ ही अपना नाम भी रौशन करना चाहते हैं। कई बार घरेलू क्रिकेट में बेहद शानदार खेल के बाद भी टीम इंडिया में खेलने का मौका नहीं मिलता है।
भारतीय टीम के लिए अलग-अलग समय में टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए कई बल्लेबाज आए और अपने खेल से दर्शकों का दिल भी जीता। कुछ खिलाड़ी बेहतर खेल दिखाने में कामयाब नहीं भी रहे। आईपीएल के बाद टीम इंडिया में टी20 क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी काफी तादाद में आए हैं। फटाफट क्रिकेट के बाद उनमें से ही कुछ खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में भी अपना नाम करने में कामयाब रहे हैं। बाउंड्री से रन बनाना हर खिलाड़ी को पसंद होता है और छक्का लगाने पर और भी ज्यादा वाहवाही मिलती है। भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में कई बल्लेबाज छक्का जड़ने में नाकाम रहे। इनमें से तीन खिलाड़ियों का जिक्र यहाँ किया गया है।
ऋषिकेश कानिटकर
इस लेफ्ट हैण्ड बल्लेबाज ने साल 1999 में मेलबर्न टेस्ट से भारतीय टीम में पदार्पण किया। इसके बाद वह एक और मैच खेले। करियर में महज दो मैच उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही खेले और कुल 74 रन बनाए। 8 चौके जड़ने में सफल रहने वाले कानिटकर को छक्का जड़ने का मौका नहीं मिला।
रॉबिन सिंह
वनडे क्रिकेट में भारत के लिए 136 मैच खेलने वाले रॉबिन सिंह को टेस्ट क्रिकेट में महज एक ही मुकाबला खेलने का मौका मिला। उन्होंने वह मैच 1998 में जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में खेला था। 15 रन बनाने वाले सिंह को बाद में टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला और वह छक्का नहीं लगा पाए। हालांकि उनके नाम 4 चौके जरुर है।
आकाश चोपड़ा
वर्तमान समय में कमेंट्री की दुनिया में बड़ा नाम बन चुके आकाश चोपड़ा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। आकाश चोपड़ा बतौर ओपनर खेलते थे लेकिन न कभी छक्का लगा पाए और न ही कभी शतक लगाने में सफल रहे। 10 टेस्ट मैचों में 437 रन बनाने वाले आकाश चोपड़ा का सर्वाधिक स्कोर 60 रन है। वह 49 चौके तो लगा पाए लेकिन छक्का नहीं जड़ा।