क्रिकेट के खेल में वनडे और टी-20 प्रारूप के शामिल किये जाने के बाद इस खेल का पूरा स्वरूप बदला है। 1975 के प्रूडेंशियल कप से शुरू होने वाले वनडे प्रारूप ने इस खेल को विश्व के हर कोने में पहुंचाया है।
तब से भारतीय टीम ने वनडे में विश्व स्तरीय क्रिकेटरों का निर्माण किया है और इसीलिए भारत दो बार विश्व विजेता बनने में कामयाब रहा। दो बार विश्वकप विजेता बनने से भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता में और ज़्यादा इजाफा हुआ है और इससे कई युवा खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट में अपना करियर बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। हालाँकि, भारतीय टीम में कई महान खिलाड़ी रहे हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही वनडे में 10,000 रनों के आंकड़े तक पहुँच पाए हैं। इस लेख में हम उन 3 भारतीय क्रिकेटरों के बारे में जानेंगे जो 10000 वनडे रन क्लब में जगह बनाने के काबिल थे:
#1. मोहम्मद अजहरुद्दीन
मोहम्मद अजहरुद्दीन विश्व के उन चुनिंदा बल्लेबाज़ों में से एक थे जो जिन्होंने हैदराबाद शैली की बल्लेबाज़ी करते थे, बेजोड़ तकनीक और कलाईयों का भरपूर इस्तेमाल इस शैली की विशेषता है। अज़हरुद्दीन ने 1985 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने वनडे करियर का आगाज़ किया था।
उसके बाद उन्होंने 334 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और वनडे प्रारूप में 9000 रनों के आंकड़े को पार करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ बने। इसके अलावा, मोहम्मद अजहरुद्दीन 20 वर्षों तक वनडे में किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा बनाए गए सबसे तेज शतक के रिकॉर्ड धारक थे।
रिकॉर्ड: 9378 रन / 7 शतक /58 अर्धशतक / औसत: 36.9 2 / सर्वाधिक: 153*
#2. वीरेंदर सहवाग
इस खेल के इतिहास में कुछ बल्लेबाज़ ऐसे भी रहे हैं, जिनकी बल्लेबाज़ी शैली ने वनडे प्रारूप को नई पहचान दी है। वीरेंदर सहवाग विश्व के उन आक्रमक बल्लेबाज़ों में से एक थे जिनसे विपक्षी गेंदबाज़ भयभीत रहते थे।
अज़हरुद्दीन के सबसे तेज़ शतक का रिकार्ड उन्होंने सिर्फ 60 गेंदों में शतक जमाकर तोड़ दिया था। वहीं 2011 में इंदौर में वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक लगाकर सहवाग ऐसे करने वाले दुनिया के दूसरे बल्लेबाज़ बन गए थे। उन्होंने अपने समय के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की भी खूब पिटाई की है।
रिकॉर्ड: 8273 रन / 15 शतक / 38 अर्धशतक / औसत: 35.05 / सर्वाधिक: 219*
#3. युवराज सिंह
भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर भी शानदार प्रदर्शन करने वाले भारत के बाएँ हाथ के बल्लेबाज़ युवराज सिंह लगभग एक दशक तक टीम इंडिया के बेहतरीन फिनिशर रहे हैं। वनडे प्रारूप में बहुत कम खिलाड़ी हैं जो उनके जैसे स्ट्रोक लगा सकते हैं।
विश्व कप 2011 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले युवराज कैंसर की वजह से लगभग तीन सालों तक क्रिकेट से दूर रहे। हालाँकि, इसके बाद उनकी फॉर्म और फिटनेस गिरती चली गईं जिसकी वजह से उन्हें टीम इंडिया से बाहर होना पड़ा। बल्लेबाज़ी के साथ-साथ अपनी गेंदबाज़ी और फील्डिंग के लिए जाने जाते युवी ने अकेले दम पर टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं। अब वो टीम से बाहर हैं और लगता नहीं है कि वो वनडे क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे कर पाएंगे।
निसंदेह युवराज दुनिया के सबसे महान वनडे खिलाड़ियों में से एक हैं।
रिकॉर्ड: 8701 रन / 14 शतक / 52 अर्धशतक / औसत: 36.56 / सर्वाधिक: 150*