जब से वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई है, इंग्लैंड ने हमेशा एक मज़बूत टीम तैयार की है। सबसे ख़ास बात ये है कि दुनिया की किसी टीम के लिए इंग्लैंड को उसके घर में हराना मुश्किल होता है। हांलाकि ऐसा बाक़ी टीम के बारे में भी कहा जा सकता है, लेकिन इंग्लैंड के हालात में ऐसा करना कुछ ज़्यादा ही मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद इंग्लैंड को कई मौक़ों पर अपने घर में टीम इंडिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। अब तक भारत ने 3 दफ़ा इंग्लैंड को उन्हीं के देश में वनडे सीरीज़ में मात दी है। हम यहां भारतीय कप्तानों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जिन्होंने इंग्लैंड में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2 देशों की सीरीज़ जीती है।
#1 कपिल देव, 1986: भारत ने 1-1 से सीरीज़ जीती (ऊंची स्कोरिंग रेट की वजह से)
कपिल देव को ‘हरियाणा का तूफ़ान’ कहा जाता है। वो टीम इंडिया के एक शानदार कप्तान और बेहतरीन ऑलराउंड थे। भारतीय टीम को ऊंचाइयों पर ले जाने का श्रेष कपिल देव को ही जाता है। वो बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों कला में माहिर खिलाड़ी थे। उन्होंने विश्व के क्रिकेट में टीम इंडिया को जिस नज़रिये से देखा जाता था उसे पूरी तरह से बदल कर रख दिया। बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी के अलावा उनकी कप्तानी कमाल की थी और वो अपने ज़माने के सबसे शानदार कप्तान थे। कपिल देव ने 74 वनडे मैच में टीम इंडिया की कप्तानी की है जिसमें 39 में जीत हासिल हुई है। उनकी जीत का प्रतिशत 54.16 है। बतौर कप्तान उनकी सबसे बड़ी कामयाबी ये है कि उन्होंने टीम इंडिया को साल 1983 में वर्ल्ड चैंपियन बनाया। साल 1986 में एक बार फिर भारतीय टीम कपिल की कप्तानी में इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। वहां उन्हें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेक्साको ट्रॉफ़ी खेली थी, जहां भारत को पहली बार इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2 देशों की सीरीज़ जीतने का मौका मिला था। टेक्साको ट्रॉफ़ी 24 मई 1986 को शुरू हुई थी। सीरीज़ का पहला वनडे मैच लंदन और दूसरा मैनचेस्टर में खेला गया था। उस वक़्त वनडे मैच 50 की जगह 55 ओवर का होता था। भारत ने सीरीज़ का पहला वनडे मैच 9 विकेट से जीता जिसमें मोहम्मद अज़हरुद्दीन को ‘मैन ऑफ़ द मैच’ अवॉर्ड से नवाज़ा गया। सीरीज़ के दूसरे मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा, जिसमें इंग्लैंड के कप्तान डेविड गोवर में अर्धशतक लगाया। डेविड गोवर और रवि शास्त्री को संयुक्त रूप से ‘मैन ऑफ़ द सीरीज़’ अवॉर्ड दिया गया। हांलाकि सीरीज़ 1-1 से टाई हो गया लेकिन टीम इंडिया का रन रेट इंग्लैंड से ज़्यादा था, ऐसे में भारत की सीरीज़ का विजेता घोषित किया गया।
#2 मोहम्मद अज़हरुद्दीन, 1990 : भारत ने सीरीज़ 2-0 से जीती
दाएं हाथ के बल्लेबाज़ मोहम्मद अज़हरुद्दीन भारत के सफलतम कप्तानों में से एक हैं। अज़हर ने भारत के लिए 174 वनडे मैच में कप्तानी की है जिसमें 90 में जीत हासिल हुई है। इस तरह से उनकी जीत का प्रतिशत 54.16 रहा है। वो एमएस धोनी के बाद वनडे से दूसरे सबसे कामयाब भारतीय कप्तान हैं। बतौर कप्तान अज़हर का सबसे शानदार लमहा उनकी कप्तानी की शुरुआत में आया था जब वो इंग्लैंड के दौरे पर गए थे। साल 1990 में टीम इंडिया को टेक्साको ट्रॉफ़ी खेलनी थी। अज़हर की अगुवाई में टीम इंडिया ने इंग्लैंड में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरी बार द्विपक्षीय सीरीज़ जीती थी। भारत ने इस सीरीज़ पर 2-0 से कब्ज़ा जमाया था। बतौर कप्तान ये अज़हर की पहली सीरीज़ जीत थी। 1990 की टेक्साको ट्रॉफ़ी 2 मैचों की वनडे सीरीज़ थी जो 18 जुलाई से शुरू हुई थी। पहला वनडे लीड्स और दूसरा नॉटिंघम में खेला गया था। भारत ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ के 2 मैच 12 गेंद शेष रहते जीते थे। एक बार फिर ‘मैन ऑफ़ द सीरीज़’ अवॉर्ड संयुक्त रूप से 2 खिलाड़ियों को दिया गया, वो खिलाड़ी थे मोहम्मद अज़हरुद्दीन और जैक रसेल।
#3 एम एस धोनी, 2014: भारत ने सीरीज़ 3-1 से जीती
अगर आपको लगता है कि इस लिस्ट में एमएस धोनी का नाम नहीं होगा, तो मैं कह दूं कि ये मुमकिन ही नहीं है। जब दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों की बात आती है जो धोनी का नाम टॉप में लिया जाता है, ये उनका रुतबा है। उन्होंने 199 वनडे मैच में टीम इंडिया की कप्तानी की है जिसमें 110 मैच में जीत हासिल हुई है। इस हिसाब से उनकी जीत का प्रतिशत 59.57 है। जब साल 2014 में टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर गई थी तब कप्तान धोनी को टेस्ट में हार की वजह से काफ़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। हांलाकि टीम इंडिया ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 5 वनडे मैच की सीरीज़ में 3-1 से जीत हासिल की थी। सीरीज़ का एक मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया था। इस सीरीज़ में सुरेश रैना, अजिंक्य रहाणे और शिखर धवन ने शानदार बल्लेबाज़ी की थी। मोहम्मद शमी ने सीरीज़ में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल किए थे। सुरेश रैना को उनके हरफ़नमौला प्रदर्शन की वजह से ‘मैन ऑफ़ द सीरीज़’ अवॉर्ड दिया गया था। लेखक – वैभव जोशी अनुवादक- शारिक़ुल होदा