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प्रज्ञान ओझा ने साल 2009 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ अपने टेस्ट करियर का आग़ाज़ किया था और जल्द ही उन्होंने टेस्ट में अपनी जगह पक्की कर ली थी, लेकिन वो अपने करियर की लंबी पारी खेलने में नाकाम रहे। उन्होंने 24 टेस्ट मैच में 113 विकेट हासिल किए हैं। हांलाकि उन्होंने भारतीय उप-महाद्वीप में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन एशिया के बाहर उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। धीरे-धीरे टीम में अश्विन और जडेजा ने अपनी जगह पक्की कर ली और प्रज्ञान ओझा के रास्ते हमेशा के लिए बंद हो गए। नवंबर 2013 में उन्होंने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ अपना आख़िरी टेस्ट मैच खेला था जिसमें उन्हें ‘मैन ऑफ़ द मैच’ अवॉर्ड दिया गया था। लेखक- अथर्व आप्टे अनुवादक- शारिक़ुल होदा
Edited by Staff Editor