भारतीय टेस्ट टीम (Indian Team) ने अपनी बादशाहत एक बार फिर से कायम करते हुए टेस्ट रैंकिंग में नम्बर एक का स्थान हासिल कर लिया है। इसके अलावा वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भी टीम इंडिया पहुँच गई है। इंग्लैंड (England) के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों से ज्यादा सफल भारतीय स्पिनर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में तेज गेंदबाजों का धाकड़ प्रदर्शन देखने को मिला था और इस बार इंग्लैंड के खिलाफ स्पिनरों ने अपनी फिरकी के जाल में इंग्लिश बल्लेबाजों को फंसाते हुए सोचने तक का मौका नहीं दिया।
हालांकि भारतीय कप्तान विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा के अलावा अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ी बल्ले से अपनी छाप छोड़ने में नाकाम भी रहे। कुछ युवा चेहरों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टीम में स्थायी जगह मिलने का दावा भी ठोक दिया। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि स्थायी तौर पर भारतीय टीम का हिस्सा कौन से खिलाड़ी रहने चाहिए। इस आर्टिकल में प्रदर्शन और अन्य तथ्यों के आधार पर टीम से बाहर किये जाने योग्य खिलाड़ियों का जिक्र किया गया है।
कुलदीप यादव
इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में एक मैच कुलदीप को खेलने का मौका मिला और पिछले काफी समय से कुलदीप यादव बेंच स्ट्रेंथ का हिस्सा बनते हुए ही दिखाई दिए हैं। अश्विन और जडेजा के बाद अब अक्षर पटेल ने भी धाकड़ खेल के दम पर खुद को साबित कर दिया है। ऐसे में कुलदीप यादव को अब टीम से रिलीज किया जाना चाहिए।
रिद्धिमान साहा
जिस तरह मुश्किल समय में कई बार ऋषभ पन्त ने बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन किया है, उसे देखते हुए अब रिद्धिमान साहा की जगह टीम में शायद ही बने। पन्त ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अब इंग्लैंड के खिलाफ भी वही रवैया अपनाया और शतक भी लगाया। ऐसे में रिद्धिमान साहा को टीम से रिलीज करने का यह सही समय कहा जा सकता है।
शुभमन गिल
शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में शुभमन गिल का प्रदर्शन असरदार रहा था लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ उनका बल्ला खामोश रहा और वह एक फिफ्टी बनाने में सफल रहे। चार टेस्ट मैचों में शुभमन गिल बतौर ओपनर फ्लॉप साबित हुए हैं। ऐसे में उन्हें टीम से बाहर करने का निर्णय लेना चाहिए। प्रदर्शन के आधार पर पृथ्वी शॉ को भी टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया था।