भारत के लोगों में क्रिकेट के प्रति जितनी दीवानगी देखने को मिलती है उतनी शायद दुनिया के किसी और देश में नहीं मिलती। भारत की ओर से क्रिकेट में खेलने का सपना लाखों युवा खिलाड़ी बचपन से ही देखना शुरू कर देते हैं। लेकिन इनमें से कुछ ही चुनिंदा खिलाड़ी अपने इस सपने को पूरा करने में सफलता हासिल कर पाते हैं।
भारत में खेली जाने वाली टी20 लीग आईपीएल (IPL) में हर साल कई युवा चेहरों को खेलने का मौका मिलता है। जो अच्छा प्रदर्शन करते हुए भारत की राष्ट्रीय टीम में भी खेलने का मौका हासिल कर चुके हैं। इनमें जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या, टी नटराजन, इशान किशन जैसे खिलाड़ियों को नाम शामिल हैं। अगर आईपीएल (IPL) में इन खिलाड़ियों को खेलने का अवसर ना मिलता तो शायद ही इन्हें भारत की ओर से खेलने में कई सालों तक और मेहनत करनी पड़ती।
भारत के अलग-अलग शहरों से कई युवा खिलाड़ियों ने भारत के लिए खेलते हुए आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना परचम लहराया है। लेकिन इन खिलाड़ियों के लिए इनका शुरुआती दौर काफी मुश्किल भरा रहा था। आज इस आर्टिकल में हम उन 3 खिलाड़ियों की बात करेंगे गरीबी को मात देकर सफलता प्राप्त की।
3 भारतीय क्रिकेटर जिन्होंने साधारण परिवार से आकर सफलता प्राप्त की
#3 मोहम्मद शमी
भारतीय टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी उत्तर-प्रदेश के अमरोहा जिले के रहने वाले हैं। शमी ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर खेली टेस्ट सीरीज के दौरान अपने टेस्ट करियर के 200 विकेट पूरे किये। टेस्ट क्रिकेट में इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद दाएं हाथ के गेंदबाज ने अपने बीते दिनों को याद करते हुए बताया था कि क्रिकेट के शुरुआती दिनों में उनके पिता रोजाना 30 किलोमीटर साइकिल चला कर उन्हें कोचिंग कैंप में छोड़ने जाते थे, जिसके पीछे की वजह थी उनके गाँव में अच्छी सुविधाओं का ना होना।
शमी के पिता पेशे से एक किसान थे जो अपने जवानी के दिनों में एक तेज गेंदबाज भी रहे थे। वो जानते थे अगर शमी को क्रिकेट में नाम कमाना है तो उन्हें इस छोटे से गाँव से दूर जाना होगा। इसी वजह से शमी युवा अवस्था में अपने गाँव को छोड़कर कोलकाता में रहने आ गए। यही से ही उनकी सफलता की कहानी शुरू हुई थी।
#2 जसप्रीत बुमराह
'यॉर्कर किंग' जसप्रीत बुमराह आज भारतीय क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाजी आक्रमण का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाते हैं। क्रिकेट का प्रारूप चाहे कोई भी इस तेज गेंदबाज ने हर जगह अपनी उपयोगिता साबित की है। यही वजह है कि आज इनकी गिनती दुनिया के सबसे सफल गेंदबाजों में होती है। लेकिन बुमराह के लिए यहाँ तक पहुंचने का सफर बेहद मुश्किलों भरा रहा था।
28 वर्षीय बुमराह के पिता का देहांत तब हुआ था जब वो महज पांच वर्ष के थे। पिता के जाने के बाद बुमराह की माँ ने उनको पालने के लिए कई जगह छोटे-मोटे काम करने पड़े। मुंबई इंडियंस फ्रेंचाइजी द्वारा शेयर किये एक वीडियो में बुमराह ने इस बात का खुलासा कि बचपन में उनके पास सिर्फ एक जोड़ी जूते और एक ही टी-शर्ट हुआ करती थी, जिसे वो रोज धोकर पहना करते थे। लेकिन समय का चक्र आगे बढ़ा और बुमराह को आईपीएल 2013 में मुंबई इंडियन की ओर से खेलने का मौका मिला।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेलते हुए दाएं हाथ के गेंदबाज ने अपने स्पेल में 32 रन खर्च करते हुए तीन विकेट हासिल किये, जिनमें विराट कोहली का भी विकेट शामिल था। इस मैच के बाद से बुमराह ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वह भारतीय टीम के लिए तीनों प्रारूपों में प्रमुख गेंदबाज हैं।
#1 महेंद्र सिंह धोनी
भारत को दो वर्ल्ड कप जितवाने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज किसी भी परिचय के मोहताज नहीं हैं। धोनी ने भारत के लिए खेले अब तक के सबसे सफल कप्तान रहे हैं। रांची में जन्में एमएस धोनी ने बचपन में ही क्रिकेटर बनने का सपना देख लिया था और स्कूल के दिनों से उन्होंने अपने इस सपने को साकार करने का प्रयास शुरू कर दिया था।
खड़गपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर ट्रैन टिकट परीक्षक (साल 2000) की पोस्ट पर काम करते हुए धोनी क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए समय निकाल लिया करते थे। इस दौरान धोनी को दक्षिण ईस्टर्न रेलवेज की ओर से भी खेलने का मौका मिला। इसके अलावा धोनी ने कई सारे टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट्स में भी शिरकत की, जिसके लिए उनको हर मैच के दो हजार रूपये फीस के तौर पर मिलते थे।
धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद कई लोगों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। जिसका जवाब धोनी ने समय बीतने के साथ अपने प्रदर्शन से दिया। आज धोनी का नाम दुनिया के सबसे महान खिलाड़ियों में गिना जाता है और बहुत से युवा खिलाड़ी इन्हें अपना आदर्श मानते हैं।