क्रिकेट में प्रतिभा के साथ निरंतरता का होना भी बेहद जरूरी है। कुछ खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के चलते घरेलू स्तर पर तो काफी प्रभावित करते हैं मगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आते ही अपने खेल में निरंतरता न रख पाने के कारण उन्हें जल्द ही वापस लौटना पड़ जाता है। बहुत से खिलाड़ी होते हैं जिन्हें घरेलू क्रिकेट में इतनी लोकप्रियता नहीं मिल पाती मगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आते ही उनकी काबिलियत नजर आती है और वह निरंतर अपने खेल में सुधार कर काफी समय तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काबिज रहते हैं।
इसी प्रकार कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो अपने शानदार खेल और बेहतरीन प्रदर्शन के चलते घरेलू क्रिकेट में बेहिसाब लोकप्रियता बटोरते हैं और काफी उम्मीदों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश करते हैं लेकिन बड़े मंच बड़े स्तर पर अच्छी शुरुआत के बाद खो जाते हैं।
इस आर्टिकल में आज हम ऐसे ही 3 भारतीय खिलाड़ियों की बात करेंगे जिन्होंने बड़ी उम्मीदों के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन उन्हें कुछ सालों में ही टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इन भारतीय खिलाड़ियों ने अपने करियर की अच्छी शुरुआत के बाद किया निराश
#3 मनीष पांडे
आईपीएल में पहला शतक लगाने वाले दाएं हाथ के भारतीय बल्लेबाज मनीष पांडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने से पहले ही एक लोकप्रिय खिलाड़ी बन चुके थे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनसे काफी उम्मीदें लगाई जा रही थी। 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले मनीष अपने नाम और रुतबे को टीम इंडिया में बरकरार नहीं रख सके और कुछ सालों में ही टीम से बाहर हो गए।
2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ डेब्यू करने वाले मनीष पांडे ने 29 वनडे मैचों में एक शतक के साथ मात्र 566 रन बनाए हैं। वहीं 39 टी20 मैचों में तीन अर्धशतकों की मदद से 709 रन बनाए हैं। मनीष ने भारत के लिए अपना आखिरी वनडे 2021 में और आखिरी टी20 2020 में खेला था।
#2 केदार जाधव
2014 में श्रीलंका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले केदार जाधव से भारतीय टीम मैनेजमेंट और क्रिकेट प्रेमियों को काफी उम्मीदें थी। घरेलू क्रिकेट में काफी प्रभावित करने वाले जाधव की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शुरुआत बेहतर रही लेकिन खेल को निरंतर न रख पाने के कारण जल्द ही उनकी जगह अन्य खिलाड़ियों ने ले ली और उन्हें 2020 में टीम से बाहर कर दिया गया। जाधव ने 73 वनडे मैचों में दो शतक और छह अर्धशतक की मदद से 1389 रन बनाए। वहीं टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने मात्र 9 मुकाबले खेले जहां उनके बल्ले से 20.33 की औसत से 122 रन निकले।
#1 पृथ्वी शॉ
18 साल की उम्र में भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले पृथ्वी शॉ पहले ही घरेलू क्रिकेट में एक बड़ा नाम बन चुके थे। पृथ्वी को भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा था और उन्होंने इसकी शुरुआत भी धमाकेदार अंदाज में अपने पहले टेस्ट मुकाबले में शतक जमाकर की। हालाँकि अभी तक पृथ्वी मात्र 5 टेस्ट, 6 वनडे और एक ही टी20 मुकाबले में दिखाई दिए हैं। 2021 में वह आखिरी बार भारतीय टीम का हिस्सा थे।
हालाँकि वह अभी युवा हैं और अच्छे प्रदर्शन के दम पर भारत की टीम में जगह बनाने की दावेदारी पेश कर सकते हैं।