क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसमें हर एक खिलाड़ी का सपना होता है कि वो अपनी टीम के लिए न सिर्फ खेले, बल्कि शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत भी दिलाए। जिस तरह किसी भी खिलाड़ी का पहला मुकाबला काफी ज्यादा यादगार होता है, उसी तरह हर एक प्लेयर की इच्छा भी होती है कि वो यादगार तरीके से ही अपने करियर का अंत करे।
हालांकि जब बात भारतीय खिलाड़ियों की आती है, अक्सर यह बहस छिड़ती हुई दिखाई दी है कि दिग्गज खिलाड़ियों को मैदान से यादगार फेयरवेल नहीं मिलता। इस लिस्ट में भारतीय टीम के कई सबसे बड़े मैच विनर्स खिलाड़ियों के नाम भी शामिल हैं। खासकर यह भी कहा जाता है जो खिलाड़ी यादगार विदाई डिजर्व करते थे, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में उन्हें वैसा फेययरवेल नहीं मिला।
हालांकि ऐसा नहीं है कि एमएस धोनी की कप्तानी में किसी भी भारतीय खिलाड़ी को मैदान से फेयरवेल नहीं मिला है। ऐसे कई खिलाड़ रहे हैं जिन्होंने धोनी की कप्तानी में यादगार रिटायरमेंट ली है।
आइए नजर डालते हैं किन भारतीय खिलाड़ियों को महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में फेयरवेल मिला:
#) सचिन तेंदुलकर
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में की जाती है। 1989 से 2013 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम कई विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक और रन बनाने का रिकॉर्ड सचिन के नाम ही हैं।
आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने साल 2013 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मैच खेला। वेस्टइंडीज के खिलाफ नवंबर 2013 में हुई 2 मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले ही उन्होंने ऐलान कर दिया था कि यह उनकी आखिरी सीरीज होगी।
सीरीज का दूसरा टेस्ट 14 नवंबर से मुंबई में ही खेला गया था। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में 118 गेंदों में 12 चौकों की मदद से 74 रन बनाए थे। भारतीय टीम ने इस मैच को एक पारी और 126 रनों के अंतर से जीता था।
#) राहुल द्रविड़
'द वॉल' के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ को भारतीय टीम का मिस्टर डिपेंडबल भी कहा जाता। राहुल द्रविड़ उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने वनडे और टेस्ट दोनों ही फॉर्मेट में 10 हजार से ज्यादा रन बनाए और साथ ही में उनके नाम अंतरराष्टीय क्रिकेट में 48 शतक भी हैं। भले ही राहुल द्रविड़ को टेस्ट क्रिकेट में मैदान से फेयरवेल का मौका नहीं मिला।
हालांकि वनडे और टी20 फॉर्मेट में उन्हें मैदान से रिटायरमेंट लिया। द्रविड़ ने साल 2011 में इंग्लैंड दौरे अपना आखिरी वनडे और टी20 मुकाबला खेला। इस सीरीज से पहले ही उन्होंने ऐलान कर दिया था कि यह उनकी आखिरी सीरीज होगी।
दोनों ही फॉर्मेट में उन्हें धोनी की ही कप्तानी में फेयरवेल मिला। द्रविड़ ने अपने एकमात्र टी20 मैच में 31 रन बनाए, तो आखिरी वनडे मैच में 79 गेंदों में 4 चौकों की मदद से 69 रन बनाए थे। हालांकि इन दोनों ही मैच में भारत को शिकस्त का सामना करना पड़ा।
#) सौरव गांगुली
भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक और दिग्गज खिलाड़ी सौरव गांगुली ने अपने करियर में काफी कुछ हासिल किया। भारतीय टीम की दशा और दिशा बदलने में सौरव गांगुली का बहुत बड़ा हाथ है। अपने करियर में सौरव गांगुली ने टेस्ट में 11 हजार और वनडे में 3 हजार से ज्यादा रन बनाए।
सौरव गांगुली ने अपना आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नवंबर 2008 में विदर्भ में खेला था। दादा ने इस मैच से पहले ऐलान कर दिया था कि यह उनकी आखिरी सीरीज होगी। वैसे तो इस सीरीज में अनिल कुंबले कप्तान थे, लेकिन बीच सीरीज में उन्होंने संन्यास लिया और आखिरी मैच में धोनी ही कप्तान थे।
दादा ने इस मैच की पहली पारी में 85 रन बनाए, लेकिन वो दूसरी पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए थे। अंत में भारत ने इस मैच को 172 रनों से जीता और सौरव गांगुली को यादगार विदाई मिली।