ऐसा कहा जाता है कि 2000 के शुरुआत में बल्लेबाज और स्पिनर मिलकर विकेट निकालते थे। अगर आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि टेस्ट मैचों में दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने अपने रिकॉर्ड 210 कैचों में से 55 कैच अनिल कुंबले की लेग स्पिन पर लिए। उनसे आगे सिर्फ श्रीलंकाई बल्लेबाज महेला जयवर्द्धने हैं जिन्होंने दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन की गेंद पर 77 कैच लिए थे।
द्रविड़ और कुंबले की जोड़ी ने संन्यास लेने के बाद भी अपना जलवा दिखाया था। द्रविड़ जहां भारतीय जूनियर टीम कोच बने, तो वहीं अनिल कुंबले भारत की नेशनल टीम के मुख्य कोच बने। द्रविड़ की कोचिंग में भारत की अंडर-19 टीम ने वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। वहीं अनिल कुंबले की कोचिंग में नेशनल क्रिकेट टीम चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंची थी।
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इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों के अनुभव का फायदा कई युवा खिलाड़ियों को मिला था। द्रविड़-कुंबले की लीडरशिप में कई युवा खिलाड़ियों के खेल के स्तर में काफी सुधार हुआ था। आइए नजर डालते हैं 3 ऐसे ही खिलाड़ियों पर।
3 भारतीय खिलाड़ी जिनके क्रिकेट स्तर में सुधार द्रविड़-कुंबले की लीडरशिप में हुआ
1. हार्दिक पांड्या
भारतीय टीम को लंबे समय से सीम बॉलिंग ऑलराउंडर की तलाश थी। किसी भी टीम में सीम बॉलिंग ऑलराउंडर टीम के बल्लेबाजी क्रम को गहराई प्रदान करते हैं। इसके अलावा वो मुख्य तेज गेंदबाज की भूमिका भी निभा सकते हैं। भारत की ये तलाश खत्म हुई युवा ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के रुप में। पांड्या इंडियन प्रीमियर लीग में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और अच्छी सीम गेंदबाजी की वजह से सुर्खियों में आए।
मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए पांड्या ने अपनी बल्लेबाजी, गेंदबाजी और सबसे बड़ी चीज फील्डिंग की वजह से सबको प्रभावित किया था। मुंबई इंडियंस के उस वक्त कोच रहे अनिल कुंबले भी पांड्या से काफी प्रभावित हुए थे। यही वजह रही कि जब कुंबले नेशनल टीम के मुख्य कोच बने तो उन्होंने पांड्या को वनडे टीम में जगह देने में देर नहीं लगाई। उनकी सफलता का सबसे ज्यादा श्रेय जाता है कुंबले और द्रविड़ की लीडरशिप को।
हार्दिक पांड्या ने खुद कहा था कि जब भारत की ए टीम के साथ उन्होंने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो वो मानसिक रुप से काफी मजबूत हुए थे और इसका पूरा क्रेडिट जाता है टीम के कोच राहुल द्रविड़ को। पांड्या ने कहा था कि द्रविड़ ने उन्हें मानसिक रुप से काफी मजबूत बनाया यही वजह है कि इस दौरे के बाद उनके खेल के स्तर में काफी सुधार हुआ था।
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