अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वनडे प्रारूप आने के बाद यह अपनी अलग स्तर की लोकप्रियता पर पहुंचा। हालांकि यह प्रारूप तब आया था जब विश्व क्रिकेट में गेंदबाजों का बोलबाला ज्यादा हुआ करता था और बड़े बल्लेबाज ज्यादा देखने को नहीं मिलते थे। ऑल राउंडर की संख्या अच्छी देखी जा सकती थी। समय के साथ इन सभी चीजों में बदलाव आया तथा बल्लेबाजी में उचित सुधार देखने को मिले। गेंदबाज भी कई बार अच्छी बल्लेबाजी करते हुए इस प्रारूप में देखे गये हैं। भारतीय टीम ने भी अपनी बल्लेबाजी शैली में बदलाव किया और उनके कई गेंदबाज बड़े शॉट खेलते हुए दिखे।
बल्लेबाजों से तो शॉट की अपेक्षा की जाती है लेकिन गेंदबाजों को मौका मिलने पर ऐसा देखते हुए काफी सुखद अनुभव माना जा सकता है। भारतीय टीम ने वनडे में कई बड़े और दिग्गज खिलाड़ी वर्ल्ड क्रिकेट को दिए हैं। इस प्रारूप में कई खिलाड़ी ऐसे रहे जिनका बल्लेबाजी में निचला या पुछल्ला क्रम रहा है। कई खिलाड़ी हुए जिन्हें इस स्थिति में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला और टीम से बाहर होने के बाद वे वापस नहीं आए। ऐसे ही तीन खिलाड़ियों का जिक्र इस आर्टिकल में किया गया है जिन्हें वनडे क्रिकेट में कभी बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला।
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आरपी सिंह
रुद्रप्रताप सिंह नाम का यह खिलाड़ी 90 के दशक में टीम इंडिया के लिए दो मैच खेला था। लखनऊ में जन्म लेने वाला यह खिलाड़ी दाएं हाथ का बल्लेबाज और बाएँ हाथ का मीडियम पेसर था। गेंदबाजी में उनके नाम एक विकेट है लेकिन बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। उन्होंने 1986 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया था। दो मैचों के बाद रुद्रप्रताप सिंह सीनियर को भारतीय टीम में वापस नहीं देखा गया। उन्होंने भारत के लिए सिर्फ एक ही प्रारूप खेला।