भारत में क्रिकेट की पूजा होती है और क्रिकेटर भगवान की तरफ पूजे जाते हैं। यह सब तभी तक होता है जब टीम जीत रही हो। जैसे ही टीम मैच हारने लगती है वैसे ही सब उल्टा होने लगता है। पहले जहां हार के बाद खिलाड़ियों के घरों पर पथराव होते थे वहीं अब उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाता है। आज के इस सोशल मीडिया के दौर में बड़े से बड़ा खिलाड़ी आए दिन ट्रोल होते रहता है। चाहे वह भारतीय कप्तान विराट कोहली हो या दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी।
पिछले कुछ समय में टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बल्ले से कुछ खास प्रदर्शन नहीं रहा है। इस वजह से उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ रही है। उनपर संन्यास लेने का दबाव भी बनाया जा रहा है। यह दबाव न सिर्फ मीडिया की तरफ से जबकि फैंस की तरफ से बनाया जा रहा है। इससे पहले भी कई दिग्गज खिलाड़ी इन्हीं दबावों की वजह से संन्यास ले चुके हैं।
आज हम आपको ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं:
#3 वीवीएस लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण भारतीय बल्लेबाजी का स्तंभ माने जाते थे। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली के साथ मिलकर लक्ष्मण ने टीम को कई यादगार जीत दिलाई है। लक्ष्मण टेस्ट मैच की दूसरी पारी में अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ईडन गार्डंस में खेली गई 281 रनों की पारी क्रिकेट में हमेशा याद की जाएगी।
2011 में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी। वहां लक्ष्मण का बल्ला पूरी तरह खामोश रहा था। उसके कुछ महीने बाद ही भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। वहां भी लक्ष्मण का बल्ला खामोश ही रहा जबकि ऑस्ट्रेलिया उनकी पसंदीदा टीम थी। इसके उनपर क्रिकेट प्रशंसकों का दबाव बनने लगा। लक्ष्मण ने 2012 न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सीरीज में टीम में चुने जाने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
#2 अनिल कुंबले
भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफलतम गेंदबाज अनिल कुंबले भी अपने करियर के अंतिम दौर में जूझते नजर आ रहे थे। इसके साथ ही उस समय टीम के कप्तान रहे कुंबले को ऊँगली की चोट भी परेशान कर रही थी। 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हें अपने घरेलू मैदान बेंगलुरु में भी विकेट नहीं मिला। अपने करियर के अंतिम 5 पारियों में से 4 पारियों में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था।
इसके बाद मीडिया में उनके संन्यास लेने की चर्चा होने लगी। इसके साथ ही महेंद्र सिंह धोनी को टेस्ट मैचों में भी कप्तानी देनी की बात हो रही थी। कुंबले ने दिल्ली के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के बाद ही संन्यास की घोषणा कर दी। ऐसा कम ही होता है कि कोई खिलाड़ी बीच सीरीज में संन्यास की घोषणा करे और वह भी टीम का कप्तान होते हुए। टीम के कप्तान होने के बाद भी मीडिया पर फैंस के दबाव में कुंबले को क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करनी पड़ी।
#1 सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट में बल्लेबाजी का हर रिकॉर्ड अपने नाम किया है। उनके नाम वनडे और टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन दर्ज हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन के बल्ले से 100 शतक भी निकले हैं। सचिन ने 2011 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना 99वां शतक पूरा किया था। इसके बाद सचिन का फॉर्म लगातार नीचे गिरने लगा। उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर काफी खराब प्रदर्शन किया।
बात यहाँ तक होनी लगी कि सचिन सिर्फ अपने 100वें शतक के लिए खेल रहे हैं। सचिन को भगवान मानने वाले लोग भी उनके संन्यास के बारे में चर्चा करने लगे। पहले सचिन ने अचानक वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। उनके बाद अचानक 2013 में सचिन ने टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास का फैसला कर लिया। उसके संन्यास से पहले मीडिया में यह भी खबर चली थी कि सचिन तुम कब जाओगे।