3 दुर्भाग्यशाली भारतीय खिलाड़ी जिन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ वन-डे सीरीज के लिए टीम में जगह नहीं मिली

Enter caption

वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद टीम इंडिया को 5 वन-डे मैचों की सीरीज भी खेलनी है। इसके लिए बीसीसीआई ने टीम की घोषणा भी कर दी है। पहले दो वन-डे मैचों के लिए टीम में कई बदलाव किये गए हैं। इंग्लैंड में खेलने वाले कुछ नाम इसमें शामिल नहीं है। जहां भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया, तो दिनेश कार्तिक को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। यह भी कह सकते हैं कि ऐसा रोटेशन प्रणाली के तहत किया गया हो।

मोहम्मद शमी की टीम में वापसी हुई लेकिन ऋषभ पन्त को पहली बार टीम में शामिल कर लिया गया। टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन का तोहफा पन्त को मिला है। इनके अलावा भी कई बदलाव हुए हैं। बाहर होने वाले कुछ दुर्भाग्यशाली खिलाड़ियों के बारे में हम यहां बात करेंगे।


सुरेश रैना

Enter caption

सुरेश रैना वह नाम है जो 2011 विश्वकप की भारतीय टीम में संकटमोचक की भूमिका में थे। विजय हजारे ट्रॉफी के अंतिम मुकाबलों में यूपी के लिए उनका खेल संतोषजनक कहा जा सकता है। वेस्टइंडीज के खिलाफ छठे नम्बर के लिए उनका चयन किया जा सकता था। केदार जाधव पूरी तरह फिट नहीं दिखते और टीम में भी उनको शामिल नहीं किया गया है। मनीष पांडे को खराब फॉर्म के बाद भी जगह मिली है। यहां सुरेश रैना के नाम पर विचार किया जा सकता था। हालांकि रैना गेंदबाजी नहीं करते लेकिन मध्यक्रम में विपक्षी टीम के गेंदबाजों की लय बिगाड़ने में वे सक्षम हैं। इसके अलावा रैना फील्डिंग में भी काफी रन बचाते हैं। बल्लेबाजी और फील्डिंग में उम्दा खेल के जरिये वे टीम को अपनी सेवाएं दे सकते हैं। मनीष पांडे और केदार जाधव की तुलना मेंबाएं हाथ का यह बल्लेबाज काफी फिट है और पावरप्ले के दौरान घेरे के अन्दर और अंतिम ओवरों में सीमा रेखा पर बेहतरीन फील्डिंग कर कई रन बचा सकता है।

क्रुणाल पांड्या

Enter caption

अपने ऑलराउंड खेल से प्रभावित करने वाले क्रुणाल पांड्या भारतीय क्रिकेट में एक अलग पहचान के साथ आए हैं। विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने स्पिन गेंदबाजी में अपने हाथ दिखाते हुए गोवा के खिलाफ 41 रन देकर 6 विकेट झटकते हुए एक बार फिर भारतीय टीम का दरवाजा खटखटाया।

एक बेहतरीन फील्डर के अलावा वह एक उम्दा बल्लेबाज भी है। मुश्किल स्थिति में उनकी बल्लेबाजी पर भरोसा किया जा सकता है। यह बात आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए भी उन्होंने कई बार साबित की है। गेंदबाजी में रन नहीं देना उनके स्वभाव में है। पावरप्ले के दौरान नई गेंद से गेंदबाजी करने में भी क्रुणाल पांड्या को कोई परेशानी नहीं होती। हार्दिक पांड्या चोट की वजह से वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम से बाहर हैं, ऐसे में क्रुणाल को शामिल कर एक प्रयोग किया जा सकता था। स्पिन विभाग में उनके आने से एक नई ताकत का संचार भी होता।

दिनेश कार्तिक

Enter caption

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले दो वन-डे सीरीज से बाहर होने वाले दिनेश कार्तिक काफी चर्चा में रहे किसी को उम्मीद नहीं थी कि इस खिलाड़ी को टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा युवा ऋषभ पन्त को मौका देते हुए कार्तिक को बाहर कर दिया गया लेकिन प्रदर्शन के आधार पर एमएसके प्रसाद वाली चयन समिति का यह निर्णय सही नहीं कहा जा सकता बिना प्रदर्शन के मनीष पांडे को टीम में जगह मिल सकती है तो अच्छे खेल बाद दिनेश कार्तिक को क्यों नहीं?

हाल ही में समाप्त हुए एशिया कप में कार्तिक का प्रदर्शन खराब नहीं कहा जा सकता है उन्होंने पांच पारियों में क्रमशः 37, 44, 1*, 31* और 33 के स्कोर बनाए इस दौरान उनका औसत 29 से ऊपर का रहा लेकिन जिस स्थान पर वो खेलने आए यह देखना अहम है मनीष पांडे की तुलना में कहीं ज्यादा शानदार खेल के बादजूद उन्हें टीम में शामिल नहीं करना आश्चर्यजनक है

Quick Links