आईपीएल 2018 शानदार तरीके से समाप्त हुआ, इस सीज़न का लुत्फ़ हर क्रिकेट फ़ैंस ने बख़ूबी उठाया। इस साल का हर टीम के बीच मुक़ाबला बेहद कड़ा था और हमें इस साल कई कांटे की टक्कर और नज़दीकी मुक़ाबले देखने को मिले। इंडियन प्रीमियर लीग खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय करियर की सीढ़ी की तरह है। यहां उन्हें अपने हुनर को पेश करने का पूरा मौका मिलता है। वो राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के नज़र में आते हैं और टीम इंडिया में शामिल होने के अपने दावे को मज़बूती देते हैं। इस साल के आईपीएल में श्रेयष अय्यर, ऋषभ पंत, शुबमन गिल, पृथ्वी शॉ, संजू सैमसन ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया है। इसकी वजह से टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों पर अनदेखा दबाव बन गया है। कई सीनियर खिलाड़ी पिछले कुछ सालों से अच्छे फ़ॉम में नहीं हैं, ऐसे में उनके अंतरराष्ट्रीय करियर पर विराम लग सकता है। हम यहां उन 3 भारतीय खिलाड़ियों को लेकर चर्चा कर रहे हैं जिन्होंने आईपीएल 2018 में बेहद बुरा प्रदर्शन किया है और इसे देखते हुए ये कहना ग़लत नहीं होगा कि उनका वनडे करियर अब शायद ख़त्म हो चुका है।
#3 रविंद्र जडेजा
साल 2015 के आईसीसी वर्ल्ड कप में रविंद्र जडेजा टीम इंडिया के मुख्य स्पिन गेंदबाज़ थे। ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि 2019 के वर्ल्ड कप में वो भारत के अहम खिलाड़ी होंगें। लेकिन पिछले 2 सालों में जडेजा का फ़ॉर्म बेहद ख़राब रहा है, वो अब इतने विकेट नहीं निकाल पाते हैं जितने कि पहले किया करते थे। वो गेंद के अलावा बल्ले से भी जद्दोजहद करते देखे गए हैं। उन्होंने ने टीम इंडिया की तरफ़ से आख़िरी वनडे मैच साल 2017 में खेला था। इस साल के आईपीएल में भी वो अपनी हुनर के हिसाब से प्रदर्शन नहीं कर पाए। पिछले डेढ़ साल में टीम इंडिया में कई नए स्पिन गेंदबाज़ उभर कर आए हैं जो अपने दम पर टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। युज़वेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने लगभग 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली है। ऐसे में रविंद्र जडेजा को मौका मिलना मुश्किल है। वॉशिंग्टन सुंदर और मयंक मार्कंडेय जैसे युवा खिलाड़ियों ने आईपीएल में अपनी छाप छोड़ी है। रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने भी फ़ॉर्म में वापसी की है। ऐसे हालात में जडेजा शायद ही दोबारा वनडे मैच खेल पाएं।
#2 गौतम गंभीर
गौतम गंभीर भारत के अब तक के सबसे बेहतरीन सलामी बल्लेबाज़ों में से एक हैं। वो हर फ़ॉर्मेट में शानदार बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं। उनके योगदान की वजह से टीम इंडिया ने साल 2007 की आईसीसी वर्ल्ड टी-20 ट्रॉफ़ी और साल 2011 का आईसीसी वर्ल्ड कप जीता था। गंभीर ने पहली आईसीसी वर्ल्ड टी-20 के फ़ाइनल में सबसे ज़्यादा रन बनाए थे। इसके अलावा 2011 के आईसीसी वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में उन्होंने श्रीलंका के ख़िलाफ़ 97 रन की अहम पारी खेली थी। साल 2012 में अपने बुरे फ़ॉर्म की वजह से वो टीम इंडिया से बाहर हो गए थे। उसके बाद वो दोबारा कभी वनडे अंतरराष्ट्रीय में वापसी नहीं कर पाए, हालांकि उन्हें टेस्ट क्रिकेट में वापसी का मौक़ा ज़रूर मिला था पर वह उसे भी नहीं भुना पाए। इस साल के आईपीएल में गंभीर का प्रदर्शन बेहद बुरा रहा वो अच्छे औसत से रन बनाने में नाकाम रहे। इसकी वजह से उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स की कप्तानी छोड़नी पड़ी। कप्तानी से हाथ धोने के बाद वो प्लेइंग इलेवन में दोबारा नहीं खेल पाए। आईपीएल 2018 में शिखर धवन, रोहित शर्मा, केएल राहुल और पृथ्वी शॉ ने बेहतरीन खेल दिखाया था। जिसकी वजह से इन खिलाड़ियों के लिए भविष्य में टीम इंडिया की दावेदारी मज़बूत हो गई है। ऐसे में चयनकर्ता बतौर ओपनर गंभीर को दोबारा मौका नहीं देगें।
#1 युवराज सिंह
युवराज सिंह वो नाम है जो भारतीय वनडे इतिहास में हमेशा बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। वो आईसीसी वर्ल्ड टी-20 और वर्ल्ड कप 2011 में भारत की ख़िताबी जीत के हीरो रहे हैं। साल 2011 के वर्ल्ड कप में उन्हें 'मैन ऑफ़ द सीरीज़' के अवॉर्ड से नवाज़ा गया था। युवी के लिए निराशा की बात ये रही कि साल 2015 के वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में उनका चयन नहीं किया गया था। साल 2017 में उन्होंने वापसी की और ठीक-ठाक प्रदर्शन किया लेकिन वो दोबारा टीम से बाहर हो गए। वो अब तक वनडे में वापसी का इंतेज़ार कर रहे हैं। इस साल का आईपीएल युवी के लिए काफ़ी अहम था। वो पंजाब टीम में शामिल किए गए थे, लेकिन वो मौके का फ़ायदा नहीं उठा पाए। उनका प्रदर्शन बेहद बुरा रहा, ऐसे में वो शायद ही दोबारा टीम इंडिया के लिए खेल पाएं। लेखक- वरुण देवनाथन अनुवादक- शारिक़ुल होदा