टीम इंडिया के 3 गुमनाम हीरो जिनको एशिया कप 2018 जिताने का श्रेय मिलना चाहिए

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14 दिनों की जद्दोजहद के बाद टीम इंडिया ने एशिया कप का ख़िताब रिकॉर्ड 7वीं बार अपने नाम किया। भारत ने अपने अभियान की शुरुआत हांगकांग के ख़िलाफ़ की थी। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ दोनों मैच में टीम इंडिया ने अपना दबदबा कायम रखा।

विराट कोहली की ग़ैरमौजूदगी में टीम के सभी खिलाड़ियों ने मिलकर भारत को एशिया कप का चैंपियन बनाया है। हांलाकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पर्दे की पीछे रहकर टीम को ख़िताब जिताने में मदद करतेठी हैं। क वैसे ही एक चैंपियन टीम के पीछे कुछ बेहतरीन सपोर्ट स्टाफ़ की मदद होती है।

हम यहां टीम इंडिया के उन 3 सपोर्ट स्टाफ़ की चर्चा कर रहे हैं जिन्होंने भारत को एशिया कप 2018 का ख़िताब जिताने में मदद की है।


#1 पैट्रिक फ़रहार्ट : लीड फ़िज़ियोथेरेपिस्ट

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भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य फ़िज़ियोथेरेपिस्ट पैट्रिक फ़रहार्ट टीम इंडिया के साथ काफ़ी वक़्त से जुड़े हुए हैं। वो ऑस्ट्रेलिया, किंग्स XI पंजाब, सिडनी सिक्सर्स जैसी कई नामी क्रिकेट टीम को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इस क्षेत्र में पैट्रिक को 22 साल से ज़्यादा का अनुभव हासिल है। वो हर खिलाड़ियों की सेहत पर नज़र बनाए रखते हैं।

भारतीय टीम पर ज़्यादा मैच खेलने का दबाव बना रहता है, ऐसे में टीम के फ़िज़ियोथेरेपिस्ट का रोल अहम हो जाता है। उन पर खिलाड़ियों के फ़िटनेस की ज़िम्मेदारी होती है। इसके अलावा पैट्रिक ये भी कोशिश करते हैं कि खिलाड़ियो का चोट से बचाव किया जा सके।

जब किसी खिलाड़ी को चोट लगती है तो फ़िज़ियो मैदान में तेज़ी से दौड़ते हुए आते हैं। जब एशिया कप 2018 के फ़ाइनल मैच में केदार जाधव के हैम्सट्रिंग में खिंचाव आ गया था। उस वक़्त पैट्रिक ने चोट की गंभीरता का पता लगाया और जाधव को मैदान छोड़ने की सलाह दी। भारत ये टूर्नामेंट जीता है तो इसमें पैट्रिक का भी योगदान है।

#2 राघवेंद्र (रघु): टीम इंडिया के थ्रो डाउन विशेषज्ञ

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राघवेंद्र को अकसर रघु के नाम से भी जाना जाता है, वो भारतीय सपोर्ट स्टाफ के अहम सदस्य हैं और टीम इंडिया के लिए काफ़ी योगदान दे चुके हैं। वो थ्रो डाउन सेशंस के दौरान तेज़ गेंद फेंकने में माहिर हैं। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कई बार खुलकर रघु की तारीफ़ की है। कोहली ने कहा था कि उनकी अच्छी बल्लेबाज़ी के पीछे रघु का हाथ है। रघु साल 2011 में भारतीय सपोर्ट स्टाफ़ में शामिल हुए थे।

ये रघु का ही करिश्मा है कि आज टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर काफ़ी मज़बूत है। रघु ने भारतीय बल्लेबाज़ों को बॉल की लेंथ का अनुमान लगाने का हुनर सिखाया है जिसका फ़ायदा एशिया कप में भी दिखाई दिया।

#3 नुवान सेनेवीरत्ने : बाएं हाथ के थ्रो डाउन विशेषज्ञ

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एशिया कप शुरू होने से पहले भारतीय क्रिकेट फैंस को ये चिंता थी कि रोहित शर्मा बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं कर पाते हैं। इस टूर्नामेंट में रोहित को मोहम्मद आमिर, शाहीन अफ़रीदी, मुस्तफ़िज़ुर रहमान और उस्मान ख़ान की गेंदों का सामना करना था। सारी फ़िक्र तब दूर हो गई जब रोहित ने आमिर और उस्मान की गेंद पर छक्के लगाना शुरू किए। इसका श्रेय किसी एक शख़्स को जाता है तो वो हैं भारतीय टीम के बाएं हाथ के थ्रो डाउन विशेषज्ञ नुवान सेनेवीरत्ने।

सेनेवीरत्ने की उम्र 38 साल है और वो कोलंबो के निवासी हैं, वो नेट प्रैक्टिस के दौरान भारतीय बल्लेबाज़ों को कोण बदल बदल कर गेंद फेंकते हैं। इससे भारतीय बल्लेबाज़ों का अच्छा अभ्यास हो जाता है। रोहित शर्मा ने एशिया कप से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेनेवीरत्ने की अहमियत को स्वीकार किया था। हांलाकि सेनेवीरत्ने ने हाल में ही टीम इंडिया का साथ देना शुरू किया है, लेकिन एशिया कप में अगर भारत चैंपियन बना है तो इसमें इस बाएं हाथ के थ्रो डाउन विशेषज्ञ का बहुत बड़ा हाथ है।

लेखक- वैभव जोशी

अनुवादक- शारिक़ुल होदा