वनडे क्रिकेट के बाद टी20 क्रिकेट आने से इसकी लोकप्रियता को लेकर सवाल उठे लेकिन वनडे क्रिकेट की अपनी पहचान बनी रही। वनडे क्रिकेट का नाम आते ही भारत की टीम और खिलाड़ियों का नाम ही सबसे ऊपर आता है। सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली तक सभी भारतीयों ने वनडे क्रिकेट में शानदार खेल का प्रदर्शन किया है। यही वजह है कि भारतीय टीम ने बड़ी से बड़ी टीम को भी वनडे क्रिकेट में हार का मजा चखाया है।
भारतीय टीम में वनडे क्रिकेट में ऑल राउंडर ज्यादा धाकड़ नहीं हुए। रविन्द्र जडेजा, हार्दिक पांड्या आदि खिलाड़ियों को ऑल राउंडर की संज्ञा दी जाती है लेकिन इनका जादू वैसा नहीं रहा जो कपिल देव का हुआ करता था। आजकल इंग्लैंड के बेन स्टोक्स इस मामले में सबसे आगे खड़े दिखाई देते हैं। भारतीय टीम शुद्ध बल्लेबाजों और गेंदबाजों वाले खिलाड़ियों के साथ ही ज्यादा सफल दिखाई दी है। हालांकि कई पार्ट टाइम गेंदबाजों ने मौका मिलने पर बढ़िया गेंदबाजी जरुर की है। इनमें से कई ऐसे थे जिनकी गेंद पर विकेट मिलने के ज्यादा आसार होते थे। ऐसे ही तीन भारतीय खिलाड़ियों की चर्चा इस आर्टिकल में की है है जिन्होंने वनडे में 5000 रन बनाने के अलावा 100 विकेट भी झटके।
वनडे क्रिकेट में 5000 रन और 100 विकेट वाले 3 भारतीय
युवराज सिंह
बल्लेबाजी के अलावा युवराज सिंह गेंदबाजी में भी कई बार हाथ दिखा चुके हैं। 2011 का वर्ल्ड कप इसका उदाहरण है जहाँ उन्हें मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट ऑल राउंड खेल के कारण चुना गया। युवराज सिंह ने वनडे करियर में 304 मैच खेले और 8701 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने 111 विकेट भी चटकाए। कई बार युवराज ने गेंदबाजी से बेहतरीन काम किया।
सौरव गांगुली
दादा के नाम से मशहूर सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई पर लेकर जाने का श्रेय जाता है। सौरव गांगुली ने अपने वनडे करियर में 311 मैच खेले और 11363 रन बनाए। गेंदबाजी में उन्होंने पूरे 100 विकेट हासिल किये। माध्यम गति के गेंदबाज सौरव गांगुली जरूरत पड़ने पर टीम के लिए गेंदबाजी करते थे और उन्हें विकेट भी मिल जाता था।
सचिन तेंदुलकर
वनडे क्रिकेट के रिकॉर्ड की बात में सचिन तेंदुलकर का नाम हमेशा होता है। करियर के 463 वनडे मैचों में सचिन तेंदुलकर ने 18 हजार 426 रन बनाए। गेंदबाजी में भी उन्होंने उम्दा काम किया। पार्ट टाइम गेंदबाजी करने वाले सचिन तेंदुलकर ने 154 विकेट चटकाए। दो बार उन्होंने पारी में 5 विकेट भी झटके।