क्रिकेट का खेल नियम और कायदे से चलता है और इसे चलाने के लिए मैदान पर दो अम्पायर के अलावा मैदान से बाहर भी तीसरा और चौथा अम्पायर मौजूद रहता है। खेल का पूरा दारोमदार इन पर ही निर्भर होता है। लाईट से लेकर बारिश तक सभी तरह के निर्णय अम्पायर के ही हाथ में होते हैं। उन्हें पूरे दिन खड़े रहकर इस बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होता है। कई अम्पायर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उच्च स्तर के हुए हैं तथा कुछ नाम बेहद खराब भी हुए हैं।
अच्छे अम्पायरों को दर्शक भी ख़ासा प्यार देते हैं और उन्हें भूलते नहीं हैं लेकिन खराब अम्पायरिंग करने वाले नामों को सिर्फ उनके खराब निर्णयों के आधार पर याद रखा जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन अम्पायरिंग के कई उदाहरण सामने आए हैं लेकिन खराब अम्पायरिंग के पल भी कई बार देखने को मिले। सचिन तेंदुलकर कई मौकों पर खराब अम्पायरिंग के शिकार हुए हैं। उन्हें काफी बार अम्पायर की गलती के कारण आउट दिया गया। इस तरह खराब अम्पायरिंग करने वाले विश्व के तीन अम्पायरों के बारे में इस आर्टिकल में चर्चा की गई ही। आपको भी इनके बारे में जानकार कोई आश्चर्य शायद नहीं होगा।
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मार्क बेंसन
इस अम्पायर का नाम आते ही भारतीय दर्शक सबसे ज्यादा गुस्से में दिखते हैं। बेंसन ने अपने करियर का सबसे खराब कार्य सिडनी में 2008 के दौरान किया था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के मैच में कई खराब निर्णय दिए थे। इस मैच में सौरव गांगुली का कैच पकड़ने वाले रिकी पोंटिंग से पूछकर निर्णय दिया गया जबकि तीसरा अम्पायर यह काम आराम से कर सकता था। इसके अलावा राहुल द्रविड़ को गलत आउट देने सहित मैच में छह गलत निर्णय थे। भारतीय फैन्स इस अम्पायर को पसंद नहीं करते।