क्रिकेट को जेंटलमैन गेम यानि भद्रजनों का खेल कहा जाता हैं, लेकिन यहां हर खिलाड़ी जैंटलमैन की तरह व्यवहार करे ये जरूरी नहीं। साथ ही इस गेम से जुड़ा स्लेजिंग का शब्द इसके जैंटलमैन गेम होने की बात के साथ थोड़ा फिट नहीं बैठता। फिर भी स्लेजिंग क्रिकेट का अभिन्न हिस्सा है।
क्रिकेट के मैदान पर स्लेजिंग आम बात हो गई है। क्रिकेट में इस स्लेजिंग या शब्दों के आक्रामक आदान-प्रदान की शुरुआत तो उसी समय हो गई थी, जब क्रिकेट के पितामह कहे जाने वाले इंग्लैंड के ग्रेस ने एक बार अम्पायर के जल्दी आऊट दिये जाने पर उससे कहा था, “दर्शक यहाँ मेरी बल्लेबाजी देखने आये हैं, तुम्हारी उँगली नहीं”, समझे….और दोबारा बल्लेबाजी करने लगे। लेकिन एक बार जब गेंद से उनकी गिल्ली उड़ गई, तो अम्पायर से बोले, “आज हवा काफ़ी तेज चल रही है, देखा गिल्लियाँ तक गिर गईं”, लेकिन अम्पायर भी कहां कम थे, वे बोले, “हाँ वाकई हवा तेज है, और पेवेलियन जाते वक्त आपको जल्दी जाने में मदद करेगी”।
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भारतीय खिलाड़ियों के साथ भी कई बार स्लेजिंग हुई और कई बार उन्होंने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। हम आपको बताते हैं 3 ऐसी ही घटनाओं के बारे में जब भारतीय खिलाड़ियों ने स्लेजिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया।
3 मौके जब भारतीय खिलाड़ियों ने दिया स्लेजिंग का मुंह तोड़ जवाब
1.श्रीसंथ बनाम आंद्रे नील
टीम इंडिया का साल 2006 का साउथ अफ्रीका दौरा ज्यादातर क्रिकेट प्रेमियों को याद होगा। पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत 165 रनों की बढ़त ले चुकी थी और इसके बाद श्रीसंथ के 5 विकेट की मदद से साउथ अफ्रीका की पारी सिर्फ 84 रन के स्कोर पर समेट दी ।
खैर असल मायने में रोमांच तो इसके बाद शुरू हुई। दूसरी पारी में जब श्रीसंथ बैटिंग करने उतरे तो टीम 9 विकेट के नुकसान पर 219 रन बनाकर मशक्कत कर रही थी। मैदान पर आते ही आंद्रे नील के साथ श्रीसंथ उलझ गए जो उस वक्त बॉलिंग कर रहे थे। आंद्रे नील विकेट चटकाने के लिए स्लेजिंग कर रहे थे, लेकिन थोड़ी ही देर बाद श्रीसंथ ने इसका करारा जवाब देते हुए अगली ही बॉल पर छक्का जड़ दिया। भारतीय टीम ने ये मैच 123 रनों से अपने नाम किया।
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