भारतीय टीम में पुराने जमाने से लेकर अब तक कई कप्तान आए लेकिन सौरव गांगुली उनमें सबसे अलग नाम निकलकर आया। दादा के नाम से मशहूर सौरव गांगुली अपनी बात कहने से कभी पीछे नहीं हटते थे। मैदान पर विपक्षी टीम की गलत हरकतें हों या नियम कायदों की बात हो, सौरव गांगुली ने हर जगह आगे आकर टीम के लिए लड़ाई लड़ी है। सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट इतिहास का सबसे आक्रामक कप्तान माना जाता है। सौरव गांगुली ने मैदान पर विपक्षी टीम के सामने यह बात कई बार दर्शाई भी है।
भारतीय क्रिकेट टीम को नई ऊँचाइयों पर लेकर जाने का श्रेय भी सौरव गांगुली को ही जाता है। कोटन बनने के कुछ साल बाद ही उन्होंने टीम को चैम्पियंस ट्रॉफी और वर्ल्ड कप के फाइनल तक का सफर तय कराया था। इसके अलावा उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ बल्लेबाजी में भी टीम के लिए उम्दा योगदान दिया था। सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी के दौरान कई मौकों पर विपक्षी टीम को दिखाया है कि मैं ही भारतीय टीम का बॉस हूँ। उन पलों में से मैदान पर घटित कुछ बातें इस आर्टिकल में बताई गई है।
सौरव गांगुली ने इन मौकों पर खुद को बॉस साबित किया
रसेल आर्नल्ड के साथ कहासुनी
यह घटना उस समय हुई थी जब 2002 चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत का मुकाबला श्रीलंका के खिलाफ हो रहा था। श्रीलंकाई बल्लेबाज रसेल आर्नल्ड ने अनिल कुंबले की एक गेंद को पॉइंट की तरफ कट करके रन लेने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। वे पिच पर रफ बनाने के प्रयास में थे जिसे राहुल द्रविड़ ने नोटिस किया और दादा को बताया। सौरव गांगुली आर्नल्ड के पास गए और बोला कि यहाँ से दूर ही रहना। गांगुली ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि दूसरी पारी में भारत को बल्लेबाजी करनी थी और श्रीलंकाई स्पिनरों को मदद मिल सकती थी। गांगुली ने आर्नल्ड को बुरी तरह झाड़ा और चेतावनी भी दी।
स्टुअर्ट ब्रॉड को बल्ले से जवाब
जब 2007 में सात मैचों की सीरीज के छठे मैच में भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ लक्ष्य का पीछा कर रही थी तब यह घटना हुई। सचिन और गांगुली ने अच्छी शुरुआत भारत को दी थी। गांगुली ने स्टुअर्ट ब्रॉड की एक गेंद को ऑफ़ साइड में शॉर्ट कवर से खेली लेकिन सफल नहीं रहे और फील्डर वहां मौजूद थे। इस पर ब्रॉड और गांगुली के बीच कुछ कहासुनी हुई। अम्पायर अलीम डार ने मामला सुलझाया। इसके बाद ब्रॉड अगले ओवर में आए तब गांगुली ने खुद को रूम देते हुए गेंद को ब्रॉड के सिर के ऊपर से छक्के के लिए भेजकर अपनी दादागीरी दिखाई।
नेटवेस्ट ट्रॉफी में शर्ट लहराना
इस घटना के बारे में तो शायद क्रिकेट देखने वाले हर व्यक्ति को पता होगा। इंग्लैंड के खिलाफ ऐसा हुआ था। भारत दौरे पर 2001 में इंग्लैंड ने जब सातवाँ मैच भारत को रोमांचक तरीके से हराया था। भारत को तीन गेंद पर छह रन चाहिए थे और भारत के पास 2 विकेट थे। फ्लिंटॉफ ओवर कर रहे थे और श्रीनाथ को आउट कर शर्ट हवा में लहराई। इस घटना के पंद्रह महीने बाद नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में जब युवराज और कैफ ने लॉर्ड्स में फाइनल मैच जिताया था तब गांगुली ने बालकनी में शर्ट उतारकर लहराई थी।