IPL के वह 3 इमर्जिंग प्लेयर विजेता जो कहीं गुमनामी में खो गये

बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का खेल परिदृश्य से गायब हो जाना कुछ ऐसा नहीं है जिससे खेल की दुनिया अवगत नहीं है। यहां प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं की एक अंतहीन सूची है जो अपनी प्रतिभा का उपयोग नहीं कर सके और धीरे धीरे तस्वीर से दूर होते चले गए। हमें अजितेश अर्गल या विजय जोल जैसे नाम याद हैं जिन्होंने अपने प्रदर्शन के द्वारा खबरें बनायी थी। अगर हम आईपीएल से उभरते खिलाड़ियों के पुरस्कार विजेताओं की सूची देखते हैं तो हम पायेंगे कि दस में से केवल एक ही नाम है जो मौजूदा भारतीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य है। हालांकि कई खिलाड़ियों को टीम की जरुरत के अनुसार उन्हें बुलाया भी गया है लेकिन इस सूची में हम उन 3 इमर्जिंग प्लेयर पुरस्कार विजेताओं पर नजर डालेंगे जो अब पूरी तरह से तस्वीर से बाहर हो चुके हैं।

#3 सौरभ तिवारी

2010 में वापस जाते हैं जब जमशेदपुर, बिहार के इस 20 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने अद्भुत प्रदर्शन के साथ क्रिकेट बिरादरी को मंत्रमुग्ध कर दिया। एक अच्छी कद- काठी और लंबे बाल वाले इस लड़के की शहर में चर्चा थी क्योंकि एमएस धोनी ने इसे फैशन स्टेटमेंट बना दिया था। सौरभ तिवारी काफी भरोसेमंद लगे और समाचार पत्रों में 'भविष्य के लिए एक खिलाड़ी' के रूप में वह छा गये। उन्होंने साल के उभरते हुए खिलाड़ी का पुरस्कार जीता, जिसे सर्वश्रेष्ठ अंडर-23 के नाम से जाना गया था। उन्हें 16 मैचों में 30 की औसत और 135 के स्ट्राइक रेट के साथ 419 रनों के लिए पुरस्कार मिला। उनके शानदार प्रदर्शन के कारण रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें अपनी टीम में हासिल करने के लिए 1.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए। हालांकि उसके करियर ने करवट बदली और उसका बुरा वक्त शुरु हुआ। ऐसे में कोई आशा की किरण नहीं दिख रही थी पर 2018 की नीलामी में उन्हें अपने अच्छे घरेलू फॉर्म के कारण अपनी पूर्व टीम मुंबई इंडियंस से 80 लाख रुपये का अनुबंध मिला। हालांकि, तिवारी ने इस वर्ष मुंबई इंडियंस के लिए अभी तक एक मैच भी नहीं खेला है और खेलने की संभावना भी काफी कम है। उसका अध्याय बंद हो सकता है क्योंकि उनका करियर अधर में अटका नजर आ रहा है और शायद इसी वजह से वह फिर से सुर्खियां नहीं बना सकता है।

#2 श्रीवत्स गोस्वामी

एक 18 वर्षीय तकनीकी रूप से मजबूत क्रिकेटर ने युवा खिलाड़ी को दिया जाने वाला पहला आईपीएल पुरस्कार जीता, जिसे बाद में सर्वश्रेष्ठ अंडर -19 खिलाड़ी कहा जाता था। एडम गिलक्रिस्ट के प्रशंसक ने आईसीसी अंडर -19 विश्वकप में 152 रन बनाए, जिससे उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ अनुबंध करने को मिला। हालांकि उन्हें केवल 4 मौके मिले, लेकिन खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त था। इस खिलाड़ी ने 25 से अधिक की औसत से 82 रन बनाए, जिससे उन्हें पुरस्कार मिला। लेकिन उनके करियर ने कभी उतनी उड़ान नहीं भरी जितनी की उम्मीद थी और उनके औसत प्रदर्शन ने उनकी किसी तरह से मदद नहीं की। नतीजतन 2014 से 2018 तक गोस्वामी को आईपीएल अनुबंध नहीं मिल पाया। गोस्वामी का सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2017/18 का सफर काफी शानदार था जिसमें उन्होंने 8 मैचों में 373 रन बनाए और टूर्नामेंट के चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। हालांकि वह एक बड़े अनुबंध (1 करोड़) की उम्मीद कर होंगे पर ऐसा देखने को नहीं मिला था। गोस्वामी को 2018 की नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने खरीदा। जो अपने बंगाल टीम के साथी ऋद्धिमान साहा की जगह विकेट कीपिंग की तलाश में हैं।

#1 इकबाल अब्दुल्लाह

2011 में टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ युवा प्रतिभा का सम्मान करने के लिए राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर के पुरस्कार से नवाजा गया था। इकबाल अब्दुल्लाह आईपीएल में उस साल के पहले आधिकारिक उभरते सितारे थे और यहां तक ​​कि यह युवा पुरस्कार जीतने वाले पहले स्पिनर थे। पुरस्कार प्राप्त करने वाले 21 वर्षीय अब्दुल्ला ने कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से 15 मैचों में 16 विकेट लिए और प्रति ओवर लगभग 6 रनों की इकॉनमी रेट बनाए रखी। इक्की जो कि उनका निक नाम रहा है, 2012 में केकेआर की पहली खिताब जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि उन्होंने इस बार कई विकेट लेने में कामयाब नहीं रहे, लेकिन उन्होंने अपनी इकॉनमी रेट पर मजबूत पकड़ बनाये रखी और गंभीर के विश्वसनीय खिलाड़ी रहे जो रनों के बहाव को रोक सके। लेकिन आजमगढ़ के इस खिलाड़ी की इकॉनमी रेट बढ़ती गयी और बीते साल यह 11 रन प्रति ओवर पहुंच गयी। इसलिए, पिछले दो उल्लेखित खिलाड़ियों की तरह उनकी वापसी नहीं हो सकी है। जैसा कि अंदाजा था उसे नीलामी में कोई खरीददार नहीं मिला। वह अब स्थानीय टूर्नामेंट में खेल रहे है और अगले साल फ्रैंचाइजी आधारित क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट में वापसी करना चाहेंगे। लेखक- शुवात्दिय बोस अनुवादक- सौम्या तिवारी