खेल में उम्र सिर्फ एक नंबर नहीं है, और एथलीटों से बेहतर इस बात को कोई नहीं जानता। यह ऐसा पेशा है जहां खिलाड़ी युवा उम्र में शुरुआत करता है और कुछ दशकों के बाद संन्यास ले लेता है और इस बीच कुछ ऐसा कारनामा कर देते हैं जिसकी वजह से वह लंबे समय तक प्रशसंकों के दिलों में बस जाते हैं। मगर हर किसी को जल्दी शुरुआत करने का मौका नहीं मिलता।
कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी युवा उम्र घरेलू क्रिकेट में खेलकर बिताई और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर उनका देरी से शुरू हुआ। हालांकि इससे क्रिकेटरों के प्रदर्शन में कमी नहीं आई और उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
आज हम आपको ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने देरी से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया, लेकिन इतिहास रचा और अपनी छाप भी छोड़ी, जिसे लोग हमेशा याद रखेंगे।
बड़ी उम्र में डेब्यू करके क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने वाले 3 खिलाड़ी
3.सईद अजमल
![England v Pakistan: 2nd Test - Day Three](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/04/2aa62-16508636796799-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/04/2aa62-16508636796799-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/04/2aa62-16508636796799-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/04/2aa62-16508636796799-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/04/2aa62-16508636796799-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/04/2aa62-16508636796799-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/04/2aa62-16508636796799-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/04/2aa62-16508636796799-1920.jpg 1920w)
पाकिस्तान के प्रमुख ऑफ स्पिनर रहे सईद अजमल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देरी से एंट्री की। उन्होंने अपना पहला टेस्ट 32 की उम्र में खेला। अजमल ने एक के बाद एक शानदार प्रदर्शन किए और आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में शुमार हुए। उन्होंने गेंदबाजी में काफी मिश्रण बना रखे थे जो बल्लेबाजों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका था।
पाकिस्तान के स्पिनर को एक ही लाइन से दूसरा व ऑफ स्पिन करते देखना काफी सुखद अनुभव रहा। उनके मिश्रण से बल्लेबाज को गेंद समझने में काफी दिक्कत आती थी। अजमल अपना सर्वश्रेष्ठ देकर विरोधी टीम के लिए खौफ बन चुके थे। उनके मिश्रण को बल्लेबाज समझ नहीं पाते थे और इसी वजह से वह सबसे खतरनाक स्पिनरों में से एक बने।
2.एडम वोग्स
![adam-voges-1471681322-800](https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/6837c-16084477725832-800.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/6837c-16084477725832-800.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/6837c-16084477725832-800.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/6837c-16084477725832-800.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/6837c-16084477725832-800.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/6837c-16084477725832-800.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/6837c-16084477725832-800.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/6837c-16084477725832-800.jpg 1920w)
ऑस्ट्रेलिया के आक्रामक बल्लेबाज एडम वोग्स को अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। 28 की उम्र में उन्होंने देश के लिए अनियमित तौर पर वन-डे और टी20 क्रिकेट खेलना शुरू किया। 35 की उम्र में वोग्स टेस्ट इतिहास में डेब्यू मैच में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 130 रन की पारी खेली थी। इस बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत वह ऑस्ट्रेलिया एकादश के नियमित सदस्य बन गए। वह आगे बढ़ते चले गए। उन्होंने टीम में सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल किया और बांग्लादेश में टेस्ट टीम के उप-कप्तान बने। उन्हें चोटिल डेविड वॉर्नर की गैरमौजूदगी में यह जिम्मेदारी दी गई थी।
1.माइकल हसी
![माइकल हसी अपने जमाने के जबरदस्त बल्लेबाज थे](https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/fa1b4-16084478303539-800.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/fa1b4-16084478303539-800.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/fa1b4-16084478303539-800.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/fa1b4-16084478303539-800.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/fa1b4-16084478303539-800.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/fa1b4-16084478303539-800.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/fa1b4-16084478303539-800.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/12/fa1b4-16084478303539-800.jpg 1920w)
'मिस्टर क्रिकेट' की उपाधि हासिल करने वाले माइकल हसी को किसी परिचय की जरुरत नहीं है। हसी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने के लिए लगभग एक दशक तक इंतजार करना पड़ा था। 28 की उम्र में वन-डे में जबकि 30 की उम्र में हसी ने टेस्ट में डेब्यू किया था। टेस्ट क्रिकेट में दो वर्ष के बाद उनकी औसत बढ़कर 86.18 हो गई थी।
हसी ने सबसे तेज 1000 टेस्ट रन पूरे किए। उन्होंने 164 दिनों में ये कारनामा किया था और 2006 में आईसीसी वन-डे प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब जीता। उन्होंने 2010 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल तक साबित किया कि वह खेल के हर प्रारूप में शानदार प्रदर्शन करेंगे।