2. रिकी पोंटिंग
2000 के मध्य तक रिकी पोंटिंग दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक थे। अपने लंबे-लंबे शॉट से वो बड़े-बड़े गेंदबाजों के पसीने छुड़ा देते थे।ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी करते हुए उन्होंने काफी रन बनाए और ऑस्ट्रेलियाई टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, लेकिन समय बीतने के साथ उनके भी हाथ ढीले पड़ते गए।
10 दिसंबर 2010 से लेकर दिसंबर 2012 में अपने संन्यास तक पोंटिंग 18 टेस्ट मैचों में 34.12 की औसत से केवल 1058 रन ही बना सके। उससे पहले उन्होंने 150 मैचों में 54.27 की शानदार औसत से 39 शतक लगाते हुए 12,000 से भी ज्यादा रन बनाए थे, लेकिन दुर्भाग्यवश उनका पुल शॉट जो उनका सबसे मजबूत पक्ष था वही उनकी कमजोरी बन गया।
उन्हीं के साथ खेले दिग्गज खिलाड़ी माइकल क्लार्क ने खुलासा किया था कि अगर पोंटिंग संन्यास ना लेते तो ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ता उन्हें टीम से ड्रॉप भी कर सकते थे।