3 ऐसे महान क्रिकेटर जिन्होंने अनावश्यक रूप से अपना टेस्ट करियर लंबा खींचा

रिकी पोंटिंग अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज थे
रिकी पोंटिंग अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज थे

1.सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर, एक ऐसा नाम जिससे दुनिया का हर क्रिकेट फैंस भली-भांति परिचित है। सचिन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1989 में की थी। वानखेड़े स्टेडियम में जब सचिन ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला तो उनकी विदाई के वक्त हर किसी की आंखें नम थीं। यहां तक कि टीम के साथी खिलाड़ियों की भी आंखें नम थीं। हर कोई दुनिया के सबसे बेहतरीन क्रिकेटर के संन्यास से दुखी था।

हालांकि आखिर के कुछ सालों में सचिन का प्रदर्शन उतना खास नहीं रहा, जिसे देखकर महसूस होने लगा कि सचिन के संन्यास का वक्त करीब आ गया है। 2010/11 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान उन्होंने डेल स्टेन को काफी अच्छे से खेला, लेकिन तेंदुलकर अपने आखिरी के 23 टेस्ट मैचों में 32.34 की औसत से 1229 रन ही बना सके। दुनिया में सबसे ज्यादा शतक का रिकॉर्ड बनाने वाले इस बल्लेबाज के बल्ले से इस दौरान एक भी शतक नहीं लगा।

अगर 2011 वर्ल्ड कप के बाद सचिन ने संन्यास ले लिया होता तो शायद 177 मैचों में 56.94 की औसत से 14, 692 रन पर उनके करियर का शानदार अंत होता। सचिन के संन्यास लेने के बाद कहा जाने लगा था कि भारतीय फैंस क्रिकेट देखना कम कर देंगे, लेकिन यहीं से विराट कोहली का उदय हआ। कोहली ने सचिन को अपना आदर्श मानकर उनकी कमी पूरा करने की कोशिश की।