टी-20 में लक्ष्य का बचाव करना आसान नहीं होता है। टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत और वेस्टइंडीज के मुकाबले में क्या हुआ सबको पता है। लगभग 200 रन बनाने के बावजूद भारतीय टीम स्कोर का बचाव नहीं कर पाई। अक्सर देखा गया है कि बड़े स्कोर का पीछा आसानी से किया जा सकता है जबकि छोटे स्कोर में टीमें फंस जाती हैं।
टी-20 का पूरा मैच 40 ओवरों का होता है ऐसे में किसी टीम की हार-जीत में पिच का भी ज्यादा योगदान नहीं रहता है। ओस एक वजह हो सकती है लेकिन इसका फायदा दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम को मिलता है। जो टीमें लक्ष्य का पीछा करती हैं उन्हें पता होता है कि कब और कैसे खेलना है। इसलिए टी-20 में लो स्कोर बहुत कम बार डिफेंड किए गए हैं।
ये भी पढ़ें: आईपीएल में सबसे ज्यादा कैच पकड़ने वाले 2 दिग्गज विकेटकीपर
हालांकि आईपीएल में कुछ कम स्कोर ऐसे रहे हैं जिनका सफलतापूर्वक बचाव किया गया। यहां पर हमने उन 3 मैचों का लेखा-जोखा निकाला है जिनमें कम स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया गया।
(यहां आपको बता दें कि हमने बैंगलोर में 2013 में खेले गए आरसीबी और चेन्नई के उस मैच को नहीं शामिल किया है जिसमें महज 8 ओवरों में 106 रन बने थे और आरसीबी ने उसका सफलतापूर्वक बचाव किया था)।
IPL के 3 ऐसे सबसे कम स्कोर जिनको सफलतापूर्वक डिफेंड किया गया
3.किंग्स इलेवन पंजाब - 119 रनों का बचाव
2009 के आईपीएल सीजन के 20वें मैच में किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियंस के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही। 11वें ओवर में 52 रनों तक टीम ने अपने 4 विकेट गंवा दिए। कुमार संगकारा ने 44 गेंदों पर 45 रनों की पारी खेली। जिसकी वजह से पंजाब की टीम 20 ओवरो में 8 विकेट पर 119 रन बनाने में कामयाब रही।
जवाब में पंजाब के तेज गेंदबाजों ने भी नई गेंद से अपनी टीम को शानदार शुरुआत दिलाई। गेंदबाजों ने शुरुआती विकेट जल्द निकालकर पंजाब को मैच में वापस ला दिया। सनथ जयसूर्या का विकेट जहां पहले ही ओवर में पंजाब को मिल गया वहीं दूसरे ओवर में सचिन तेंदुलकर का भी विकेट निकालकर पंजाब ने मुंबई इंडियंस को दबाव में ला दिया।
आखिरी 3 ओवरो में मुंबई को जीत के लिए 26 रन चाहिए थे जबकि उनके हाथ में 6 विकेट थे। लेकिन टीम 3 रनों से मैच हार गई। इरफान पठान ने 4 ओवर में 20 रन देकर 2 विकेट चटकाए।
ये भी पढ़ें: इस आईपीएल सीजन 99 रन पर आउट होने वाले 2 बल्लेबाज