भारतीय टीम के लिए ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों ने धाकड़ प्रदर्शन किया है और यह कई बार हुआ है यह सभी ने देखा भी है। कई बार यह भी हुआ कि भारतीय टीम के ऊपर वाले बल्लेबाज फ्लॉप हो गए और मैच का दबाव निचले क्रम पर आ गया हो। ऐसी परिस्थिति में भी मैच गेंदबाजों और निचले क्रम के बल्लेबाजों ने जिताए हैं। कुछ मामले गेंदबाजी में भी आए हैं जब अंतिम ओवर या एक बेहतरीन स्पैल से गेंदबाज ने मैच का पासा भारतीय टीम के पक्ष में किया हो। ऐसे मौके बहुत कम आते हैं लेकिन जब यह देखने को मिलता है तो दर्शकों सहित सभी खेल प्रेमियों की ख़ुशी का टिकाना नहीं रहता है।
भारतीय टीम के लिए ज्यादा समय तक नहीं खेलने वाले खिलाड़ियों ने कुछ बार जादुई प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाने में काफी अहम भूमिका निभाई है। भारतीय टीम के इन खिलाड़ियों को प्रदर्शन के समय तो याद रखा गया होगा लेकिन कुछ समय बाद भुला भी दिया गया। ऐसे ही तीन धाकड़ प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ियों के बारे में इस आर्टिकल में बताया गया है। आपको भी इन सबके बारे में पढ़कर कुछ पुरानी यादों में जाने का मौका मिलेगा।
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भारतीय टीम के जादुई प्रदर्शन के 3 खिलाड़ी
स्टुअर्ट बिन्नी- बांग्लादेश के खिलाफ ढाका वनडे में स्टुअर्ट बिन्नी ने कमाल कर दिया था। गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर बांग्लादेश ने भारत को 105 रन पर आउट कर दिया था। जवाब में मेजबान टीम ने दो विकेट पर 43 रन बनाए थे लेकिन उस समय के कप्तान सुरेश रैना ने जैसे ही बिन्नी को गेंद थमाई, यह एक इतिहास बन गया। बिन्नी ने महज चार रन देकर 6 विकेट झटके और बांग्लादेश की पूरी टीम 58 रन बनाकर आउट हो गई।
जोगिन्दर शर्मा- टी20 वर्ल्ड कप 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच के अंतिम ओवर में 13 रन विपक्षी टीम को चाहिए थे लेकिन जोगिन्दर शर्मा ने मिस्बाह उल हक को श्रीसंत के हाथों कैच आउट करवाते हुए भारत को पहला टी20 वर्ल्ड कप ख़िताब दिलाया था। जोगिन्दर क्रिकेट में नए थे लेकिन उस दबाव को झेल गए।
दिनेश कार्तिक- श्रीलंका में निदहास ट्रॉफी टी20 त्रिकोणीय सीरीज में दिनेश कार्तिक ने बेहतरीन कार्य किया। उन्होंने महज 12 गेंद पर नाबाद 32 रन की पारी खेली। अंतिम गेंद पर भारत को पांच रन चाहिए थे लेकिन कार्तिक ने छक्का जड़ते हुए बांग्लादेश की जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।