मांकडिंग एक प्रकार का रन आउट है जो गेंदबाज गेंद फेकने से पहले नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज के खिलाफ करता है। मांकडिंग पहली बार पूर्व भारतीय ऑलराउंडर वीनू मांकड़ (Vinoo Mankad) ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बिल ब्राउन (Bill Brown) के खिलाफ किया था जिसके बाद इस रन आउट के नियम को वीनू मांकड़ के नाम पर ही संबोधित किया जाने लगा। मांकडिंग एक प्रकार का ऐसा क्रिकेट नियम है जिसके वैध होने के बावजूद इसे कई क्रिकेट विशेषज्ञों और खिलाड़ियों द्वारा खेल भावना के खिलाफ माना जाता है और इस विषय पर दशकों से क्रिकेट फैंस की राय अलग-अलग रही है।
ऐसा ही एक मामला शनिवार को महिला क्रिकेट में भारत बनाम इंग्लैड के बीच लॉर्ड्स में खेले गए श्रंखला के तीसरे और आखिरी वनडे मुकाबले में देखने को मिला, जहां भारतीय ऑल राउंडर दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) ने इंग्लैंड की शार्लेट डीन (Charlotte Dean) को नॉन स्ट्राइकर एन्ड पर रन आउट कर दिया। इसको लेकर दुनिया भर के दिग्गज खिलाड़ियों और एक्सपर्ट्स में से कुछ ने दीप्ति का समर्थन किया तो कुछ ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताते हुए भारतीय ऑल राउंडर की जमकर निंदा की।
आईसीसी ने अपने नए नियमों में तब्दीली करते हुए कुछ समय पहले ही इस नियम को अनुचित की श्रेणी से हटाकर वैध रन आउट की श्रेणी में शामिल किया है, इसके बावजूद क्रिकेट जगत इस विषय पर बंटा हुआ नजर आता है। आज हम इस आर्टिकल में ऐसे ही 3 प्रमुख कारणों की बात करेंगे जो बताते हैं कि क्यों मांकडिंग को वैध होने के बावजूद खेल भावना के खिलाफ माना जाता है।
आइए जानते हैं मांकडिंग के विवादित होने के 3 प्रमुख कारण
#1 रन आउट करने का तरीका
क्रिकेट को हमेशा से जेंटलमैन गेम कहा जाता है ऐसे में मांकडिंग जैसा आउट करने का तरीका कुछ विशेषज्ञों के हिसाब से सहज नहीं है। इस नियम के अनुसार गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले अगर नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज क्रीज के बाहर चला जाता है तो गेंदबाज उसे रन आउट कर सकता है। कभी-कभी गेंदबाज आउट करने से पहले बल्लेबाज को चेतावनी देते हैं जिसे उचित माना जाता है, मगर बिना चेतावनी दिए आउट करने पर इस रन आउट को खेल भावना के खिलाफ माना जाता है।
#2 इस विषय पर दिग्गजों की विचारधारा में अंतर होना
जैसा कि हमने आपसे पहले ही बताया की हमेशा से इस नियम को लेकर क्रिकेट जगत विभाजित रहा है। कुछ खिलाड़ी इस नियम का समर्थन करते हुए दिखते हैं, तो वही कुछ दिग्गजों का मानना है की आईसीसी ने यह नियम खेल की त्रुटियों को भरने के लिए बनाया था लेकिन क्रिकेट के नियमों में वैध होने के बावजूद यह रन आउट खेल भावना के खिलाफ है। इस कारण से खिलाड़ियों को खेल की गरिमा बनाए रखते हुए इस नियम का पालन करना चाहिए।
#3 आईसीसी को यह नियम उचित बनाने में 74 साल लगे
भारत के पूर्व ऑल राउंडर वीनू मांकड़ ने 1948 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को इस प्रकार से रन आउट किया था। इसके बाद अब तक कपिल देव और ग्रेग चैपल जैसे कई दिग्गज खिलाड़ियों समेत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई बार मांकडिंग करते हुए गेंदबाज ने विपक्षी बल्लेबाज को आउट किया है। हमेशा से क्रिकेट जगत में मांकडिंग को लेकर विवाद होते रहे हैं। इसके बावजूद आईसीसी इस पर अपने विचारों को साफ तौर पर व्यक्त नहीं कर पा रही थी।
वीनू मांकड़ के द्वारा पहली बार इस नियम को दुनिया में परिचय कराने के 74 साल बाद आईसीसी ने मांकडिंग को क्रिकेट में अनुचित तरीके से आउट करने से हटाकर सामान्य रन आउट का दर्जा दिया। आईसीसी का इस विषय को लेकर इतने सालों तक खुलकर ना बोलना दर्शाता है कि कहीं ना कहीं यह नियम खेल की गरिमा और भावना को ठेस पहुंचाने का काम करता है।