क्रिकेट को जेंटलमैन गेम कहा जाता है, लेकिन 20वीं शताब्दी में आने के साथ ही मैच फिक्सिंग की ऐसी कई सारी घटनाएं हुईं, जिसने इस जेंटलमैन गेम पर काला धब्बा लगा दिया। फिक्सिंग का दोषी पाए जाने के बाद बहुत से खिलाड़ियों की क्रिकेट में वापसी नहीं हो पाई, लेकिन मोहम्मद आमिर जैसे खिलाड़ियों ने शानदार वापसी भी की। कोई भी क्लोज मैच होता है तो सबके दिमाग में यही बात आती है कि कहीं ये मैच फिक्स तो नहीं था।
आईसीसी ने मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए कई सारे कदम उठाए हैं, कड़े कानून बनाए हैं, फिर भी मैच फिक्सिंग की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। बुकीज कई तरह से खिलाड़ियों से संपर्क करने की कोशिश करते हैं या कुछ ऐसी स्थिति पैदा करते हैं, जिससे वे ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा सकें। इसी कड़ी में आइए आपको बताते हैं वर्ल्ड क्रिकेट की कुछ फिक्सिंग की घटनाओं के बारे में जिसने क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया।
क्रिकेट इतिहास की 3 ऐसी फिक्सिंग की घटनाएं, जिसने फैन्स को हैरान कर दिया
1. हेंसी क्रोनिए प्रकरण
वर्ल्ड क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा फिक्सिंग स्कैंडल, जिसने इंडिया और साउथ अफ्रीका दोनों देशों के क्रिकेट फैंस को स्तब्ध कर दिया था। साल 2000 में भारतीय पुलिस ने खुलासा किया कि इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए द्विपक्षीय सीरीज के एक मैच की फिक्सिंग में 5 खिलाड़ी बुकी के साथ शामिल थे। इन सबमें सबसे हिला देने वाली बात ये थी कि दोनों ही टीम के कैप्टन मोहम्मद अजहरुद्दीन और हेंसी क्रोनिए का नाम इसमें आया।
साउथ अफ्रीका के खिलाड़ियों में हेंसी क्रोनिए, निकील बोजे और हर्शेल गिब्स शामिल थे। तो वहीं भारत की तरफ से अजहरुद्दीन के अलावा अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर जैसे खिलाड़ियों का नाम सामने आया। मोहम्मद अजहरुद्दीन ने खुद को इन आरोपों से मुक्त कराने के लिए 11 साल तक न्यायिक लड़ाई लड़ी और सुप्रीम कोर्ट से उन्हें क्लीन चिट भी मिली।
2.आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग
2013 में इंडियन प्रीमियर लीग में स्पॉट फिक्सिंग का खुलासा हुआ। राजस्थान रॉय़ल्स टीम के तीन खिलाड़ियों तेज गेंदबाज श्रीसंथ, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला का नाम इसमें सामने आया।मुंबई पुलिस ने विंदू दारा सिंह और गुरूनाथ मयप्पन को भी सट्टेबाजी और बुकीज से संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। अपने तीनों खिलाड़ियों के अरेस्ट होने के बाद राजस्थान रॉयल्स ने जांच पूरी होने तक इनसे अपना कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर लिया।
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि श्रीसंथ और चव्हाण ने स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात कबूली है। दिल्ली पुलिस ने ये भी बताया कि चंदीला ने बुकीज के कहने पर और भी कई खिलाड़ियों को फिक्सिंग में शामिल करने की कोशिश की।
बीसीसीआई ने श्रीसंथ और अंकित चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि बाद में कोर्ट ने श्रीसंत के आजीवन प्रतिबंध को हटाकर सिर्फ 7 साल का कर दिया। अब श्रीसंत ने बैन के बाद मैदान में वापसी कर ली है।
3.इंग्लैंड में स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल
हेंसी क्रोनिए स्कैंडल के बाद सबसे बड़ा फिक्सिंग स्कैंडल 2010 में पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे पर हुआ। पाकिस्तान के युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और बल्लेबाज सलमान बट्ट का नाम फिक्सिंग में आया। एक स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ कि माजिद ने भविष्यवाणी की थी कि आसिफ और आमिर कब नो बॉल करेंगे।
न्यूज ऑफ द् वर्ल्ड द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में खुलासा हुआ कि माजिद ने भविष्यवाणी की थी कि आमिर के तीसरे ओवर की पहली गेंद नो बॉल होगी और हुआ भी वही। माजिद ने ये भी कहा था कि 10वें ओवर में मोहम्मद आसिफ की छठी गेंद नो बॉल होगी और ये बात भी सच साबित हुई। वहीं एक पूरे ओवर के बारे में माजिद ने सही-सही बताया, जिससे सलमान बट्ट के इसमें शामिल होने का खुलासा हुआ।
जांच के बाद 5 फरवरी 2011 को आईसीसी ने तीनों प्लेयरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। बट्ट पर 10 साल, आसिफ पर 7 साल और आमिर पर 5 साल का प्रतिबंध लगाया गया। बैन के बाद 2015 में आमिर ने सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की, अब वो पाकिस्तान की टीम का अहम हिस्सा हैं।