#2 भारत बनाम इंग्लैंड, बैंगलोर (2011)
यह एक और ऐसा मुकाबला था जिसने दर्शकों को साँसे थामने पर मजबूर कर दिया। इस मैच में भारत ने सचिन के शानदार शतक और युवराज और गंभीर के अर्द्धशतकों की बदौलत 338 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर बनाया।
इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने हालांकि, सचिन की पारी को और भी बेहतर शतक बनाकर काउंटर किया और 145 गेंदों में शानदार 158 रन बनाए जिनमें 18 चौके और एक छक्का शामिल था। उनके आउट होने के बाद इयान बेल ने 69 रनों की पारी खेली । इसके बाद भारत की तरफ से ज़हीर खान ने लगातार दो गेंदों में दो विकेट लेकर टीम में एक नया उत्साह भर दिया।
अपने अगले ओवर में ज़हीर ने पॉल कॉलिंगवुड को बोल्ड किया और इसके बाद नियमित अंतराल पर विकेट गिरते चले गए। जब हरभजन सिंह ने 46वें ओवर में 289/6 के स्कोर पर मैट प्रायर को आउट किया, तो ऐसा लग रहा था कि भारत यह मैच आसानी से जीत जाएगा।
माइकल यार्डी के सहवाग को एक आसान कैच देने के बाद इंग्लैंड को 15 गेंदों में 32 रन चाहिए थे और उनके 3 विकेट बचे थे। पीयूष चावला द्वारा फेंके गए 49वें ओवर में जब ग्रीम स्वान और टिम ब्रेसनन ने छक्के लगाए, तो दर्शकों की साँसे थम गईं। हालांकि इसके बाद अपनी आखिरी गेंद पर चावला ने ब्रेसनन को बोल्ड कर पवेलियन की राह दिखाई।
अब आखिरी ओवर में इंग्लैंड को जीतने के लिए 14 रन चाहिए थे। मुनाफ पटेल के ओवर की तीसरी गेंद को अजमल शहजाद ने बाउंड्री के पार पहुँचाया और अब उन्हें जीत के लिए 3 गेंदों में 5 रनों की दरकार थी। आखिरी 3 गेंदों में वे सिंगल, एक डबल और फिर एक सिंगल लेकर स्कोर को बराबर करने में कामयाब रहे।
ड्रेसिंग रूम में इंग्लिश कप्तान स्ट्रॉस अपने पुछल्ले बल्लेबाजों के प्रयास की सराहना किये बिना नहीं रह सके।भारतीय दर्शक इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे थे कि ये मैच टाई हो गया है।