भारत के 3 बेख़ौफ़ युवा बल्लेबाज़ों पर एक नज़र

भारतीय क्रिकेट फ़ैस ने अपनी आंखों के सामने कई महान खिलाड़ियों को जैंटलमैंस गेम खेलते हुए देखा होगा। भारत में ख़ास बात ये है कि यहां देश के कई शहरों से युवा हुनरमंद खिलाड़ों को खोज कर सामने लाया जाता है। महानतम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 16 साल की छोटी उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। जब बेख़ौफ़ बल्लेबाज़ी की बात आती है तो सबसे पहले हमारे ज़ेहन में वीरेंदर सहवाग का नाम आ जाता है। आमतौर पर बल्लेबाज़ पिच पर आने के बाद कई गेंद को खेलते हुए पिच के मिज़ाज का पता लगाते हैं और फिर रक्षात्मक अंदाज़ में खेलना शुरु कर देते हैं। लेकिन वीरू पाजी अलग ही मिट्टी के बने हुए हैं, वो अपनी पारी की शुरुआत ही अकसर चौके-छक्के से करते थे। दुनिया में कुछ ही बल्लेबाज़ ऐसे हैं जिन्होंने टेस्ट में तिहरा शतक बनाया है, उनमें से कुछ ही ऐसा क्रिकेटर होगा जिसने तिहरा शतक छक्का लगाकर पूरा किया हो, वीरू उनमें से एक हैं। दुनिया में कई ऐसे बल्लेबाज़ हैं जिनको बेख़ौफ़ बल्लेबाज़ों की लिस्ट में गिना जाता है, जैसे ब्रैंडन मैकलम, क्रिस गेल, अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स इत्यादि। ये सभी बल्लेबाज़ बैटिंग के मामले में अनुभवी भी हैं और महान भी। इस बात में कोई ताज्जुब नहीं होना चाहिए कि भारत में भी कई ऐसे युवा बल्लेबाज़ उभरकर सामने आए हैं जो पिच पर आते ही फ़ायरिंग शुरू कर देते हैं, इन बल्लेबाज़ों के रहते हुए विपक्षी गेंदबाज़ों के दिलों में ख़ौफ़ बरक़रार रहता है। जब इन युवा बल्लेबाज़ों का बल्ला बोलता है तो उसे रोकना किसी के लिए आसान नहीं होता है। आइये नज़र डालते हैं भारत के 3 युवा बेख़ौफ़ बल्लेबाज़ों पर #3 पृथ्वी शॉ 18 साल के युवा सनसनी पृथ्वी शॉ मुंबई के निवासी हैं। वो पहली बार तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने हैरिस शील्ड ट्रॉफ़ी में 546 रन बनाए थे। उनके इस शानदार प्रदर्शन को देखते हुए एसजी कंपनी ने पृथ्वी शॉ के साथ 35 लाख की डील की थी। पृथ्वी को अकसर भविष्य का सचिन तेंदुलकर कहा जाता है, क्योंकि उनकी तकनीक और उनकी बल्लेबाज़ी का स्टाइल मास्टर ब्लास्टर जैसी है। आईपीएल 2018 के दौरान दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के ओपनिंग बल्लेबाज़ कोलिन मुनरो और जेसन रॉय ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शऩ नहीं कर पाए। इसके बाद पृथ्वी शॉ को अपनी क़ाबिलियत दिखाने का मौका मिला था, जिसे भुनाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। कई बार बेहद दबाव में भी शॉ ने बेहतरीन और बेख़ौफ़ पारी खेली और अपनी टीम को मुश्किल से उबार लिया। वो अपनी उम्र के सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक हैं उम्मीद है कि वो भारतीय क्रिकेट के बड़े सितारे बनकर उभरेंगे। #2 ऋषभ पंत विकेटकीपर ऋषभ पंत का जन्म उत्तराखंड के हरिद्वार में हुआ है। उन्हें अकसर अगला एडम गिलक्रिस्ट कहा जाता है। वो पिच पर आते ही चौके-छक्के की बरसात कर देते हैं। उनकी बेबाक बल्लेबाज़ी का जवाब नहीं है। पंत पहली बार तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने 2016 के आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में नेपाल के ख़िलाफ़ टूर्नामेंट का सबसे तेज़ अर्धशतक लगाया था। उन्होंने महज़ 24 गेंदों में 75 रन की पारी खेली थी। इसके अगले ही मैच में उन्होंने शानदार शतक लगाया था। पंत ने अपनी छोटे से क्रिकेट करियर में कई उतार चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन्होंने अपने खेलने का अंदाज़ नहीं बदला। आईपीएल 2018 में वो दिल्ली डेयरडेविल्स के अहम खिलाड़ी रहे हैं। दिल्ली के फ़रोज़ शाह कोटला के मैदान में उन्होंने आरसीबी के ख़िलाफ़ 34 गेंदों में 61 रन बनाए थे। इसी आईपीएल में वो दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने थे।#1 संजू सैमसन संजू सैमसन भारत के एक और बेहतरीन विकेटकीपर-बल्लेबाज़ हैं। वो केरल के निवासी हैं और अपने दम खम और आक्रामक अंदाज़ में बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं। उनकी सटीक तकनीक और सही टाइमिंग ही उन्हें औरों से बेहतर बल्लेबाज़ बनाती है। जैसे ही वो पिच पर जम जाते हैं, वैसे ही वो विस्फोटक बल्लेबाज़ी शुरु कर देते हैं। सैमसन पहली बार उस वक़्त सुर्ख़ियों में आए थे जब उन्होंने साल 2013 के आईपीएल सीज़न में राजस्थान रॉयल्स की तरफ़ से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया था, जिसकी वजह से अगले साल उन्हें रिटेन किया गया। 2014 के आईसीसी वर्ल्ड कप में वो सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे। साल 2016 में संजू दिल्ली डेयरडेविल्स में शामिल किए गए क्योंकि संजू और दिल्ली के तत्कालीन हेड कोच राहुल द्रविड़ के अच्छे संबंध थे। सैमसन ने द्रविड़ को निराश नहीं किया और टीम के तीसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। संजू सैमसन आईपीएल 2018 के सीज़न में राजस्थान रॉयल्स टीम के अहम खिलाड़ी थे, उन्होंने अपनी टीम के लिए कई शानदार पारियां खेली हैं। वो जब बल्लेबाज़ी करने मैदान पर आते हैं तो चारों तरफ़ चौके छक्के लगाते हैं। पिछले उनकी प्रदर्शन में और ज़्यादा सुधार आया है, ऐसे में बेहद मुमकिन है कि वो राष्ट्रीय टीम में चुने जाएं। लेखक- यश शर्मा अनुवादक- शारिक़ुल होदा

Edited by Staff Editor
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