भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण टेस्ट क्रिकेट से किया था। कई सालों तक टेस्ट मैच के बाद भारतीय टीम ने सत्तर के दशक में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया। समय बीतने के साथ भारतीय टीम ने प्रदर्शन में भी निखार दिखाया और आगे बढ़ते हुए दो बार वनडे वर्ल्ड कप, एक बार टी20 वर्ल्ड और एक बार चैम्पियंस ट्रॉफी का ख़िताब भी जीता। एक बार चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम संयुक्त विजेता भी रही। टेस्ट क्रिकेट में भारत की टीम नम्बर एक पर भी आई। यह सब उपयोगी बल्लेबाजों के अलावा गेंदबाजों के दम पर संभव हुआ। भारतीय टीम में कई नामी गेंदबाज हुए हैं लेकिन तीन श्रेष्ठ गेंदबाजों का जिक्र इस आर्टिकल में किया गया है।
अनिल कुंबले- पूर्व भारतीय कप्तान और जम्बो के नाम से मशहूर अनिल कुंबले किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को अपनी लेग स्पिन गेंदबाजी से नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। कुंबले ने कुल 956 अंतरराष्ट्रीय विकेट चटकाए। 132 टेस्ट में 619 और 271 वनडे में उनके नाम 337 विकेट हैं। टी20 क्रिकेट उन्होंने नहीं खेला।
हरभजन सिंह- इस भारतीय ऑफ़ स्पिनर ने भी टीम के लिए अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। हरभजन सिंह भारत की टी20 और वनडे विश्वकप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे हैं। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 711 विकेट चटकाए। भज्जी ने टेस्ट में 103 टेस्ट में 417 विकेट चटकाए। वनडे में उन्होंने 236 मैच में 269 विकेट प्राप्त किये। टी20 में उन्होंने 28 मैचों में 25 विकेट चटकाए।
कपिल देव- भारत को विश्व विजेता बनाने वाले इस पूर्व कप्तान और ऑल राउंडर ने टीम को मजबूती से आगे बढ़ाया। गेंदबाजी में उन्होंने विश्व के कई बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 687 विकेट चटकाए। 131 टेस्ट में कपिल देव ने 434 विकेट चटकाए। वनडे में उन्होंने 221 मैच खेलकर 253 विकेट चटकाए।