तेज गेंदबाज अपनी स्पीड, स्विंग, बाउंस और मूवेमेंट से किसी भी दिग्गज बल्लेबाज के लिए बुरा सपना साबित हो सकता है। तेज गेंदबाज हमेशा से बड़े शिकारी रहे हैं, जो अपनी रफ्तार और हुनर से बल्लेबाजों को परेशान करते रहे हैं। वो अपनी गेंदबाजी से महान बल्लेबाजों को भी क्रीज पर गलती करने के लिए मजबूर कर देते हैं। ऐसे कई पेसर्स रहे हैं जिन्होंने इस खेल को और भी शानदार बनाने में अपना योगदान दिया है। उनमें माइकल होल्डिंग, मैलकॉम मार्शल, डेनिस लिली, वसीम अकरम, ग्लेन मेकग्रा का नाम शामिल है। तेज गेंदबाजों की जोड़ी जब अपने बाउंस, स्विंग, रफ्तार से विरोधी के विकेट चटकाती है तो ये जोड़ी किसी भी कप्तान के लिए बड़े हथियार से कम नहीं होती। एक सफल क्रिकेट देश होने के नाते जिसने इतिहास में कई उपलब्धियां हासिल की है, भारत ने भी बीते वर्षों में, क्रिकेट जगत को कई ऐसे तेज गेंदबाज दिए हैं जिन्होंने अपनी काबीलियत से कई अहम जीत हासिल करने में योगदान दिया है। कपिल देव, जवागल श्रीकांत, जहीर खान जैसे तेज गेंदबाजों ने विश्व में अपनी धारदार गेंदबाजी का लोहा मनवाया है। भारत की मौजूदा लाइन अप में उमेश यादव और मोहम्मद शमी तेज गेंदबाजी की अगुवाई करते हैं तो इशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार ने भारतीय गेंदबाजी के अटैक को मजबूत किया है। हालांकि, हमने भी नॉन-स्पिन कंडीशन्स में भारत को एक अच्छे तेज गेंदबाजी कॉम्बिनेशन के साथ विरोधी का स्वागत करते नहीं देखा। अभी भी कई तेज गेंदबाजों के लिए इंटरनेशनल स्तर पर अपनी छाप छोड़ने के लिए टेस्ट क्रिकेट और वनडे में विरोधी को अपनी रफ्तार से परेशान करने की जद्दोजहद चल रही है। आखिर भारतीय क्रिकेट की अगली पीढ़ी के लिए कहां से तेज गेंदबाज आएंगे? हम देख रहे हैं कि कई ऐसे उभरते हुए युवा खिलाड़ी हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी तेज गेंदबाजी का जादू चलाकर शानदार प्रदर्शन किया है। रणजी और दलीप ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर इन युवा गेंदबाजों ने सेलेक्शन कमिटी का ध्यान अपनी ओर जरुर खींचा होगा। #1 शार्दूल ठाकुर मुम्बई से 87 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के पालघर से आने वाले, शार्दूल का क्रिकेट सफर आसान नहीं रहा। हर रोज किटबैग लेकर मीलों का सफर तय करके क्रिकेट प्रैक्टिस करने जाना आसान नहीं था, लेकिन यही संघर्ष है जिसकी वजह से शार्दूल के सपने इतने बड़े हैं। शार्दूल ने 2012 में फॉर्स्ट क्लास क्रिकेट में मुम्बई की रणजी टीम में डेब्यू किया। उनको पहले ही सीजन में ज्यादातर टीम का हिस्सा बनाया गया, जहां शार्दूल ने 82 की औसत से कुल 4 विकेट लिए, जो उनको शानदार गेंदबाज बनाने के लिए काफी नहीं थे। इस युवा खिलाड़ी को अगले सीजन के लिए अपने खेल में सुधार करने और वजन घटाकर फिटनेस पर काम करने कि सलाह दी गई। शार्दूल ने इस सलाह पर काम किया और अगले सीजन में वजन घटाकर वो एकदम फिटनजर आए और उन्होंने 26.25 की औसत से 27 विकेट लेकर अपनी गेंदबाजी का दम दिखा दिया। जिसके बाद 2014-15 सीजन में शार्दूल ने उम्दा गेंदबाजी करते हुए न सिर्फ अपने आंकड़े सुधारे बल्कि लोगों को अपना मुरीद बना दिया और 20.81 की औसत से 48 विकेट झटके। अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर उन्हें ऑस्ट्रेलिया ए और साउथ अफ्रीका ए के दौरे के लिए इंडिया ए से बुलावा आया। उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ बॉर्ड प्रेजिडेंट्स ए की ओर से भी खेलने का मौका मिला जहां उन्होंने हाशिम अमला और डिविलियर्स का विकेट हासिल किया। वेस्ट इंडीज दौरे के लिए चुनी गई भारत की 16 सदस्यों की टीम में शार्दूल का चयन उनके शानदार करियर का सबसे बड़ा पल है। #2 नाथू सिंह 21 वर्षीय नाथू सिंह सुर्खियों में उस वक्त आए जब उन्होंने इस साल रणजी सीजन में अपनी घरेलू टीम राजस्थान की ओर से खेलते हुए दिल्ली के खिलाफ 7/87 का चमत्कारी आंकड़ा हासिल किया। इस शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें दो दिन के खेल के लिए साउथ अफ्रीका के खिलाफ बॉर्ड प्रेजिडेंट्स इलेवन के लिए चुना गया, जहां उन्होंने अपनी रफ्तार, फ्री फ्लोइंग एक्शन और स्वाभाविक इन-स्विंगर्स से सभी को अपना दिवाना बना दिया। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्राथ की नजरों में आने के बाद और चेन्नई की एमआरएफ अकादमी में प्रशिक्षण लेने के बाद, नाथू को अपनी शानदार गेंदबादी के लिए खुद मास्टर से तारीफ मिल चुकी है। एक मामूली परिवार से ताल्लुक रखने वाले, उनके पिता एक लेबर का काम करते हैं। लेकिन उनके भाग्य ने ऐसी पलटी मारी की आईपीएल में उन्हें मुम्बई इंडियंस ने 3.2 करोड़ में खरीदा। #3 आवेश खान इस लिस्ट में सबसे युवा तेज गेंदबाज मध्यप्रदेश से हैं। हाल ही में बांग्लादेश में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में, आवेश ने भारतीय टीम के अटैक को मजबूती देते हुए टीम को फाइनल में पहुंचाया था, जहां उन्होंने 12 विकेट झटके थे। उन्होंने 2014-15 में मध्यप्रदेश की ओर से रणजी में डेब्यू किया और यहां उन्होंने 5 मैचों में 3.50 की औसत से 15 विकेट झटके। महज 17 वर्ष के आवेश ने 2014 अंडर-19 वर्ल्ड कप में 138.9 की तेज रफ्तार से गेंदबाजी की थी और तभी से उनकी प्रतिभा लोगों को दिखने लग गई थी। इन तेज गेंदबाजों की किस्मत इन्हें इंटरनेशनल स्तर पर पहचान दिलाती है या नहीं ये समय ही बताएगा। लेकिन भारतीय टीम के मजबूत अटैक के लिए अपने प्रदर्शन को जारी रखना होगा ताकि इन तेज गेंदबाजों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिले।